Amit Shah VS Sonal Patel: गुजरात के गांधीनगर सीट से कांग्रेस ने सोनल पटेल को टिकट दिया है. सोनल पटेल का मुकाबला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से होगा. इस बीच पटेल ने कहा, "वह वरिष्ठ बीजेपी नेता के खिलाफ आगामी चुनाव लड़ने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचा रही थीं. 62 वर्षीय नेता, जो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव और मुंबई और पश्चिमी महाराष्ट्र के पार्टी सह-प्रभारी हैं, ने दावा किया कि सत्ता विरोधी लहर बनी हुई है क्योंकि बीजेपी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रही है.


लगाये ये आरोप
उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर अपने निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया और चुनाव लड़ने के लिए समान अवसर की मांग की. पीटीआई को दिए इंटरव्यू में पटेल ने कहा, मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था क्योंकि मैं महाराष्ट्र में कांग्रेस के मामलों में व्यस्त थी, जहां मैं मुंबई और पश्चिमी महाराष्ट्र का सह-प्रभारी हूं. लेकिन पार्टी ने मुझे गांधीनगर से मैदान में उतारा और मैंने इसे स्वीकार कर लिया. हमारे कार्यकर्ताओं को डराया जा रहा है, कोई भी हमें पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें आयोजित करने के लिए जगह किराए पर देने को तैयार नहीं है, इस डर से कि चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें निशाना बनाया जाएगा.


पुलिस अतीत के कुछ मामलों में हमारे शहर और जिले के नेताओं को पुलिस स्टेशनों पर बुला रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव लड़ने के लिए प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है. इससे पता चलता है कि वे डरे हुए हैं और मजबूत स्थिति में नहीं हैं, पटेल ने कहा, मुझे नहीं पता कि अमित शाह को इन रणनीतियों के बारे में पता है या नहीं जो बीजेपी के स्थानीय नेता अपना रहे हैं. हर किसी को चुनाव लड़ने के लिए समान अवसर मिलना चाहिए. यह बीजेपी का गढ़ है, जहां से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने चुनाव लड़ा था.


उन्होंने कहा, वह (शाह) भले ही देश के गृह मंत्री हैं, लेकिन हमने उन्हें उन दिनों से देखा है जब वह एक आम बीजेपी कार्यकर्ता थे. नारणपुरा (अमित शाह का विधानसभा क्षेत्र जब वह विधायक थे) के एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता से वह देश के गृह मंत्री बने हैं. मेरे पिता नारणपुरा से कांग्रेस नगर पार्षद थे और हमने उन्हें आगे बढ़ते देखा है. उन्होंने कहा, मैंने भी उनकी तरह जमीनी स्तर से ऊपर तक काम किया है. और जब लोग अपना वोट डालते हैं, तो वे यह सोचकर (अपने सांसद को) नहीं चुनते कि वह गृह मंत्री हैं या मैं एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता हूं, उन्होंने कहा, यही कारण है कि उन्होंने चुनाव लड़ने में थोड़ा भी संकोच नहीं किया.


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