राजधानी दिल्ली में सफाई व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान पीतमपुरा ब्लॉक में भारी लापरवाही सामने आई. निरीक्षण में पाया गया कि चार फीट से कम गहराई वाले नालों की सही ढंग से सफाई और डी-सिल्टिंग नहीं की गई थी. इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है.
मुख्यमंत्री ने नगर निगम (MCD) के सफाई निरीक्षक (Sanitary Inspector) को अपनी जिम्मेदारी ठीक से न निभाने और सफाई व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का दोषी पाया. पीतमपुरा ब्लॉक के वार्ड नंबर 57 के सफाई निरीक्षक को कर्तव्य में लापरवाही और कदाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
कई अधिकारियों पर गिरी गाज, किए गए ट्रांसफर
- DEMS, केशव पुरम जोन के सफाई निरीक्षक (Sanitary Inspector) को निलंबित कर दिया गया है.
- वार्ड 55 के सफाई निरीक्षक (SI) और सहायक सफाई निरीक्षक (ASI) का भी तबादला कर दिया गया है.
- पीतमपुरा वार्ड नंबर 57 के रेजिडेंट सीनियर क्लीनर (RSK) को भी उनके पद से हटा दिया गया है.
- सभी स्थानांतरित अधिकारियों को तुरंत अपनी नई पोस्टिंग के लिए रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.
नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
दिल्ली में सफाई व्यवस्था को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं. मुख्यमंत्री द्वारा किए गए इस निरीक्षण ने फिर से नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं. दिल्ली में सफाई और कचरा प्रबंधन को लेकर अक्सर जनता नगर निगम की उदासीनता की शिकायतें करती रही है.
पीतमपुरा इलाके में नालों की ठीक से सफाई न होना मच्छरों और बीमारियों को बढ़ावा देने वाला है. गंदगी और जलभराव से डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. दिल्ली में हर साल बारिश के मौसम में जलभराव और गंदगी की समस्या सामने आती है, लेकिन नगर निगम समय रहते सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में नाकाम रहता है.
मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि सफाई में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पूरी दिल्ली में सफाई व्यवस्था की सख्त निगरानी की जाए और हर वार्ड में सफाई कार्य सुचारू रूप से हो. इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अन्य जोनल अधिकारियों को भी साफ-सफाई के काम में लापरवाही करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
जनता को क्या होगा फायदा?
इस कड़ी कार्रवाई से साफ है कि अब सफाई व्यवस्था को लेकर किसी भी अधिकारी की लापरवाही माफ नहीं की जाएगी. इससे उम्मीद की जा सकती है कि नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेंगे और सफाई कार्यों में सुधार होगा.
दिल्ली सरकार और नगर निगम की सफाई व्यवस्था को लेकर जनता की शिकायतें लगातार बनी रहती हैं. मुख्यमंत्री के इस औचक निरीक्षण से यह साफ हो गया कि नगर निगम की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सरकार ने यह संदेश दे दिया है कि अगर कोई अधिकारी अपनी ड्यूटी में लापरवाही करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.