Indira Gandhi International Airport: दिल्ली (Delhi) के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर चल रहे विस्तार कार्य का तीसरा फेज शुरू हो गया है. साथ ही इसके निर्माण कार्य को पूरा किया जा रहा है. कोरोना (Corona) महामारी के कारण 2020 में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से यह कार्य काफी प्रभावित हुआ था. बावजूद इसके विस्तार कार्य ने फिर से तेजी पकड़ ली है.  इसके तहत इस फेज का सबसे बड़ा निर्माण ऐलिवेटेड टैक्सी-वे को पूरा कर लिया गया है. साथ ही नवनिर्मित एलिवेटेड टैक्सी-वे की जांच और निरीक्षण के लिए इसको ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी, एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन को सौंप दिया है.


आईजीआई एयरपोर्ट पर बन रहे इस नए टैक्सी-वे की लंबाई 1.8 किमी और चौड़ाई 203 मीटर होगी. यह टैक्सी-वे एक 8 मीटर ऊंचे पुल पर होगा. जांच के बाद एयरपोर्ट नियामक संस्थानों की ओर से हरी झंडी के मिलते ही आगामी सितंबर महीने से इस एलिवेटेड टैक्सी-वे पर ऑपरेशनल फंक्शन शुरू कर दिए जाएंगे. इसके तैयार हो जाने से एलिवेटेड टैक्सी वे टर्मिनल-1 और 3 आपस में जुड़ जाएंगे. इसके शुरू होने से टर्मिनल-3 में अधिक विमानों की आवाजाही हो सकेगी. इससे रन-वे पर विमानों का ट्रैफिक कम हो जाएगा.


विमानों के विलंब होने की समस्या से भी मिलेगी निजात


साथ ही उड़ानों के संचालन में विलंब की समस्या से भी निजात मिलेगी. क्योंकि टैक्सी-वे पर जगह नहीं मिलने के कारण कई विमानों को टर्मिनल के पास खड़ा कर दिया जाता है. इससे विमानों के आवागमन में दिक्कत होती है. साथ ही ये एलिवेटेड टैक्सी-वे टर्मिनल 1 और 3 को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा.


निर्धारित समय से पहले पूरा हो रहा है काम


दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) की ओर से तैयार नवनिर्मित टैक्सी-वे ई-9, एफ-3 और एफ-4 हैं जो टर्मिनल 1 तक ले जाते हैं. नया एप्रन टी-1 तीन चरणों में बनाया जा रहा है. पहले चरण में 82 कोड सी स्टैंड में से 19 को अक्टूबर 2021 में चालू किया गया था. दूसरे चरण में, अगस्त 2022 में 14 स्टैंडों को अपने निर्धारित समय से दो महीने पहले ही चालू कर दिया गया था. इसे चालू करने के साथ ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल को उड़ानों के संचालन के लिए सौंप दिया गया था, जिससे विमान का संचालन किया जा सके.


एविएशन फ्यूल की खपत में आएगी कमी


इस नए टैक्सी-वे पर ऑपरेशन फंक्शन शुरू हो जाने के बाद इससे सीधे रूप से हवाई यात्रियों को फायदा होगा. साथ ही विमान का रन-वे पर लंबी दूरी तय करने के दौरान जो एविएशन फ्यूल खपत होता है, उसमें भी कमी आएगी. वर्तमान में आईजीआई के रनवे संख्या 29/11 से विमान को उड़ान भरने के लिए 2 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी होती है. नए टैक्सी-वे के शुरू होने के बाद यह दूरी काफी कम हो जाएगी. रन-वे पर उतरने या उड़ान भरने के दौरान विमानों के संचालन के समय में कमी आएगी. विमान में ईंधन की खपत की कमी से एयरपोर्ट पर होने वाला कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा.


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