Delhi EDMC School Reopening: राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना महामारी के मामले कम हो जाने के बाद तमाम प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं और स्कूल-कॉलेज भी खोल दिए गए हैं. इसी के साथ पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सिविक स्कूल भी सोमवार यानी आज से 50% क्षमता के साथ फिजिकल मोड में खुल गए हैं.हालांकि पैरेंट्स की अनुमति के बाद ही बच्चों को स्कूल आने की इजाजत दी गई है.


चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी क्लासेज की संख्या


पूर्वी निगम के मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से फिजिकल मोड में शुरू की गई क्लासेज की संख्या बढ़ाई जाएगी और  इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी ताकि उन बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो, जो किसी कारण से स्कूल नहीं आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि, “हमने स्कूल परिसर को सैनिटाइज और साफ करने का काम पूरा कर लिया है, बच्चों को फिजिकल क्लास में जाने देने के लिए अभिभावकों से सहमति ली जा रही है.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी को भी स्कूल में कक्षाओं में आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. ” बता दें कि सिविक बॉडी के 364 प्राइमरी स्कूलों में लगभग 2.14 लाख छात्र हैं.


एक बार में 50 प्रतिशत बच्चों को ही बुलाया जाएगा


अग्रवाल ने कहा कि स्कूल परिसर में कोविड के उचित व्यवहार को सुनिश्चित करने के लिए एक बार में केवल 50% बच्चों को बुलाया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि,"माता-पिता को सलाह दी जाती है कि अगर उनका बच्चा अस्वस्थ है या सर्दी, खांसी या बुखार से पीड़ित है तो वे अपने बच्चों को स्कूल न भेजें और शिक्षक को सूचित करें.”


डेढ़ साल के बाद खुल रहे स्कूलों में साफ-सफाई का रखा जा रहा खास ध्यान


शिक्षा समिति के अध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि जिन शिक्षकों को कोविड -19 ड्यूटी पर तैनात किया गया था, उन्हें राहत दी गई है. उन्होंने कहा कि, “ईडीएमसी स्कूलों से संचालित होने वाले टीकाकरण केंद्रों को अपना संचालन चलाने के लिए स्कूल परिसर में सीमित स्थान आवंटित किया गया है. चूंकि करीब डेढ़ साल के अंतराल के बाद स्कूल खुल रहे हैं, इसलिए सभी स्कूलों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हैंड सैनिटाइज़र कक्षाओं के बाहर रखे गए हैं, शौचालयों में पर्याप्त साबुन की व्यवस्था की गई है. स्कूल निरीक्षकों को उन्हें आवंटित स्कूलों का दौरा करने और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है यहा नहीं.”


विभिन्न शिफ्टों के बीच 1 घंटे का गैप होना जरूरी


वहीं शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपलों को कक्षाओं का शेड्यूल तैयार करने के लिए कहा गया है. अधिकारी ने कहा कि,“नर्सरी कक्षाओं, कक्षा 2 और 4 के छात्र और कक्षा 1, 3 और 5 के छात्र ऑल्टरनेटिव रूप से स्कूलों में जा सकते हैं.जिन स्कूलों में डबल शिफ्ट है, वे छात्रों के एक बैच को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरे बैच को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक कोविड सुरक्षा मानदंडों के मद्देनजर बुला सकते हैं. विभिन्न शिफ्टों के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर होना चाहिए. ”


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