Delhi News: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi university) में हॉस्टल का कमरा खाली करने के आदेश ने कई छात्राओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के राजीव गांधी महिला छात्रावास की छात्राएं डीयू प्रशासन के इस फरमान के बाद असमंजस की स्थिति में है. छात्राओं का कहना है कि उनके नए सेमेस्टर जल्द ही शुरू होने वाले हैं. बहुत सी छात्राएं बाहरी हैं, ऐसे में बिना कमरे की सुविधा के वो कैसे रहेंगी. एक छात्रा ने बताया कि जब कोरोना महामारी के बाद अप्रैल में उन्होंने हॉस्टल ज्वाइन किया था, तो उनसे कहा गया था कि आप गेस्ट के तौर पर लिए जा रहे हो. लेकिन अब हमसे अचानक कहा जा रहा है कि हम कमरे खाली कर दें और अगर ये कमरे दोबारा चाहिए तो फिर से अप्लाई करें. 


पॉलिटिकल साइंस की एक छात्रा ने कहा, मैंने अभी अपने दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा दी है. 12 सितंबर से अगले सेमेस्टर की क्लासेस शुरू हो रही हैं. मुझे नहीं समझ आ रहा कि हमें इस हालात में क्या करना चाहिए. 


हॉस्टल प्रशासन ने क्या कहा?
हॉस्टल प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब अप्रैल में कोरोना महामारी से स्थिति खराब हुई तो ये लोग गेस्ट के तौर पर लिए गए थे. हमारे पास अलग-अलग कैटेगरी में बहुत सीमित सीटें हैं. हम सभी को नहीं रख सकते. हालांकि जो भी छात्राएं दोबारा रहना चाहती हैं, उन्हे एक नया फॉर्म भरना होगा. उन्होंने कहा कि हॉस्टल प्रशासन ने इन लोगों को तब तक ही रहने की इजाजत दी है जब तक एडमिशन की पहली लिस्ट न आ जाए. हालांकि अभी एडमिशन की तारीख सुनिश्चित नहीं हुई है, लेकिन हम चाहेंगे कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को रूम मिले.


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मेरिट के आधार पर मिला था कमरा
मालूम हो कि दो वर्षों के लॉकडाउन के बाद, फरवरी 2022 से दिल्ली विश्वविद्यालय में ऑनलाइन क्लासेस चल रही थी. जिसके बाद मार्च में हॉस्टल में दाखिला लेने की प्रक्रिया शुरू हुई, और मेरिट के आधार पर चुनी हुई छात्राओं को हॉस्टल में दाखिला दिया गया था.


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