Delhi News: वैसे तो दिल्ली पुलिस हमेशा सबके के साथ देने का दवा करती है, लेकिन खाकी वालों पर एक युवक की बेरहमी से पिटाई के बाद उसकी मौत की खबर ने सबको सन्न कर दिया. यहां तक कि दिल्ली पुलिस महकमा भी इस घटना के बाद से सकते में है. दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी यह समझ नहीं पा रहे कि मृतक के परिजनों को क्या जवाब दें. अदालत में उसकी मौत के बाबत सवाल पूछने पर वो जज को क्या जवाब देंगे. आखिर यह मामला अब पुलिस पर एक युवक की बेरहमी से पिटाई का हो गया है. 


दरअसल, यह मामला उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली के आदर्श नगर थाने का है, जहां की पुलिस द्वारा एक बेकसूर पनीर कारोबारी की बेरहमी से पिटाई के कारण हुई मौत को लेकर हो रहे हंगामे ने पूरे पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है. जबकि पनीर कारोबारी युवक ने कोई अपराध नहीं किया था, उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि पुलिसकर्मियीं द्वारा डंडे से पीटे जाने पर उसने पुलिस वालों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया था. यही बात आदर्श नगर थाना पुलिसकर्मियों को नागवार गुजरी और उन्होंने पनीर कारोबारी युवक की पिटाई के बाद उसे उठा कर थाने ले गए. जहां उसकी तबियत गड़बड़ाने पर पुलिसकर्मी उन्हें जहांगीरपुरी स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी हालत गम्भीर होने के कारण वहां से उसे रेफर कर दिया गया. बावजूद इसके पुलिसकर्मी उसे वापस थाने लेकर चले गए, जहां उसकी मौत हो गई. जिसके बाद युवक के परिजनों और जानकारों ने थाने का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.




वीडियो बनाने को लेकर नाराज थे पुलिसकर्मी


यह मामला रविवार और सोमवार के दरम्यानी रात की है. जब पनीर कारोबारी सूरज प्रकाश पवार अपने दोस्त और बिजनेस पार्टनर साकेत के साथ देर रात आजादपुर मंडी से पनीर की गाड़ी को अनलोड करवाकर अपनी गाड़ी से वापस लौट रहे थे. इसी दौरान आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन के पास कुछ लोगों के बीच झगड़ा होता देख पनीर कारोबारी सूरज और उसके दोस्त वहां रुके और बीच-बचाव की कोशिश करने लगे. तभी वहां पेट्रोलिंग कर रहे पुलिसकर्मी पहुंचे और सूरज को धक्का देकर हटाने लगे. इस पर सूरज ने कहा कि वह तो झगड़े को शांत करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनकी बात नहीं सुनी और डंडों से उनकी पिटाई कर दी. जिस पर सूरज ने पुलिसकर्मियों की वीडियो बनानी शुरू कर दी. इससे नाराज हुए पुलिसकर्मियों ने ईआरवी बुला ली और फिर से उन्हें पीटते हुए थाने लेकर चले गए.


हालत बिगड़ने पर अस्पताल के बजाय ले गए थाने


हालत बिगड़ने पर पुलिस वाले उसे बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले गए, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने भर्ती नहीं किया और बड़े अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. मगर पुलिसकर्मी अमानवीयता दिखाते हुए उन्हें किसी अस्पताल में ले जाने के बजाय वापस थाने ले आये. जहां सूरज की हालात और बिगड़ने लगी. इस पर पुलिसकर्मी फिर से उन्हें बीजेआरएम अस्पताल ले कर गए, जहां डॉक्टरों ने सूरज को मृत घोषित कर दिया. हैरानी की बात यह है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने एक बार भी सूरज के परिजनों को सम्पर्क कर उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी. सूरज के दोस्त साकेत से मिली जानकारी के बाद सूरज के परिजन थाने पहुंचे, लेकिन वहां कोई भी उन्हें कुछ भी बताने को तैयार नहीं था. जब उन्हें सूरज की मौत की खबर लगी तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. सूरज की मौत से आक्रोशित स्थानीय निवासियों ने एसएचओ समेत दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


चल रही थी सूरज के रिश्ते की बात


सूरज की मौत से सदमें में आये उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. एक साल पहले यूपी की प्रशासनिक सेवा में सेल्स टैक्स ऑफिसर से सेवानिवृत्त हुए सूरज के पिता तो उसकी मौत की खबर सुनते ही बेहोश हो गए और होश में आने के बाद से तो लगातार रोये ही जा रहे हैं. सूरज के बड़े भाई दीप प्रकाश पवार ने बताया कि सूरज की रिश्ते की बात चल रही थी और घर वाले जल्दी ही उसकी शादी की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस की बेरहमी की वजह से उनके भाई की मौत हो गई.


दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई


अब इस मामले में डीसीपी जितेंद कुमार मीणा ने न्यायिक जांच की बात बताते हुए कहा कि बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. जांच में कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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