Delhi Police: दिल्ली की स्पेशल सेल पुलिस ने आतंकी घोषित किये गए सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई की आपराधिक इकाई के खिलाफ देश भर में की गई कार्रवाई के दौरान बड़ी कामयाबी पाते हुए इस गिरोह के एक नाबालिग समेत कुल 10 गुर्गों को दबोचने में कमायाबी पाई है.


जिनके कब्जे से पुलिस ने 07 पिस्टल, 31 जिंदा कारतूस और 11 मोबाइल फोन भी बरामद किया है. ये सभी आपस मे फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप जैसे इनक्रिप्टेड चैट प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े हुए थे और दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में गंभीर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.


7 अलग-अलग राज्यों की खाक छान कर 10 गुर्गों को दबोचा
डीसीपी स्पेशल सेल (एनडीआर) प्रतीक्षा गोदारा के मुताबिक, स्पेशल सेल पुलिस द्वारा पकड़े गए गिरोह के 10 गुर्गों में एक नाबालिग भी शामिल है, जिन्हें एसीपी हृदय भूषण और ललित मोहन की देखरेख में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर शिव कुमार और सतीश राणा की टीम ने देश के 7 अलग-अलग राज्यों की खाक छानने के बाद दबोचने में कमायाबी पाई है. ये सभी दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में हत्या या कोई अन्य गंभीर आपराधिक घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. 


इनमें से कुछ गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई के निर्देश पर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें से दो को पुलिस ने दिल्ली, एक को राजस्थान, एक को मध्यप्रदेश, दो को यूपी, दो को पंजाब और एक-एक को हरियाणा और बिहार से गिरफ़्तार किया है.


दिला रहे हैं अपराधों को अंजाम
डीसीपी ने बताया कि, स्पेशल सेल पुलिस लगातार विभिन्न गैंगस्टरों के आपराधिक प्रयासों को ट्रैक करने में लगी हुई थी. जिससे उन्हें पता चला कि, विदेशों में अपने ठिकाने पर छिप कर बैठे कई गैंगस्टर अपने वफादारों के माध्यम से देश मे एक्सटॉर्शन, मर्डर और अटेम्प्ट टू मर्डर जैसे अपराधों को अंजाम दिला रहे हैं. इसके अलावा कुछ कुख्यात बदमाश जो जेल में बंद होने के बावजूद जेल की दीवारों के बाहर अपने नेटवर्क के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.


दिल्ली-एनसीआर और इससे सटे राज्यों में गैंग के गुर्गे थे सक्रिय
इस सूचना पर पुलिस ने अपने सूत्रों को तैनात कर इनके बारे में जानकारियों को विकसित करना शुरू किया और तकनीकी के साथ मानवीय निगरानी भी लगाई गई ताकि, इन गैंगस्टरों के बारे में जानकारी मिल सके और उनके पूरे नेटवर्क का खात्मा किया जा सके. आखिरकार पुलिस के इस अथक प्रयास का फल मिला और उन्हें एक पुख्ता इनपुट मिला.


कई मामलों में हैं वांटेड
जिंसमें टीम को पता चला कि, उगाही/कॉन्ट्रैक्ट किलरों/शूटरों का एक अन्तर्राज्यीय मॉड्यूल जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और विदेश में बैठे गोल्डी बरार के इशारे पर दिल्ली-एनसीआर और इससे सटे राज्यों में काफी सक्रिय है और उगाही, हत्या एवं अन्य गंभीर अपराधों को अंजाम देने की फिराक में है. टीम को यह भी पता चला कि इस गैंग के कुछ सदस्य हत्या, उगाही, धमकी और हमला करने जैसे कई आपराधिक मामलों में पहले भी लिप्त रहे हैं और कई मामलों में वांटेड भी हैं.


की जा चुकी थी हथियारों की व्यवस्था
इनकी गतिविधियों की निगरानी के दौरान टीम को विभिन्न राज्यों में बैठे सिंडिकेट के कुछ सदस्यों के बीच की बातचीत का पता चला, जिसमें उनके हत्या जैसी गंभीर अपराध को अंजाम देने की साजिश रचने की जानकारी मिली. जिसकी सूत्रों से भी बाद में पुष्टि हुई. साथ ही यह भी पता चला कि, इसके लिए हथियारों की व्यवस्था भी की जा चुकी है. जिस पर पुलिस ने उनके इस नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए 24 मई को स्पेशल सेल में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया. 


कई टीमों का गठन कर उन राज्यों के लोकेशनों पर भेजा गया, जहां उनके होने का पता चला. टीम ने सुनियोजित तरीके से कार्यवाही करते हुए विभिन्न राज्यों में छापेमारी की और एक नाबालिग समेत कुल 10 आरोपियों को दबोचने में सफलता पाई.


इन राज्यों में छापेमारी कर यहां से दबोचा
इस ऑपरेशन के तहत टीम ने दिल्ली के शास्त्री पार्क के पास छापेमारी कर अमृतसर, पंजाब के रहने वाले जसप्रीत उर्फ राहुल को एक पिस्टल और 4 गोली, हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर के पास से कानपुर, यूपी के रहने वाले धर्मेंद्र उर्फ कार्तिक को एक पिस्टल और 3 गोली, सोनीपत, हरियाणा के रहने वाले मंजीत को दहिया गांव से, मोहाली पंजाब के रहने वाले गुरपाल सिंह को एक पिस्टल और 6 गोली के साथ डेरा बस्सी से, मंजीत सिंह गुरी को डेरा बस्सी से.


अभय सोनी उर्फ कार्तिक उर्फ कबीर को जयपुर, राजस्थान से एक पिस्टल और 3 गोली के साथ, बरेली, यूपी के रहने वाले सचिन कुमार उर्फ राहुल को लखनऊ के सीतापुर रोड से एक पिस्टल और 6 गोलियों के साथ, एक नाबालिग को सीतापुर रोड, लखनऊ से 1 पिस्टल और 5 गोलियों के साथ, एमपी के बड़वानी रहने वाले संतोष उर्फ सुल्तान को रतलाम रेलवे स्टेशन से एक पिस्टल और 4 गोलियों के साथ और वैशाली, बिहार से संतोष कुमार को छापेमारी कर दबोचा.


पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर उसके आगे और पीछे के लिंक का पता लगा कर इस पूरे सिंडिकेट का खुलासा करने की कोशिश में जुट गई है.


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