Astrazeneca Vaccine Withdrawn: कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोविड-19 (COVID-19) से जु़ड़ा टीका दुनियाभर से वापस ले लिया है. कंपनी ने कहा कि वह व्यवसायिक कारणों से वैक्सीन वापस ले रही है. भारत में भी कई लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है जिस वजह से विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है.


दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एस्ट्राजेनेका द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन वापस लिए जाने के फैसले पर केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा, ''जब अधिकांश यूरोपीय देशों ने साइड इफैक्ट्स के कारण मार्च 2021 में कोविशील्ड वैक्सीन पर बैन लगा दिया था, भारत सरकार ने उस वैक्सीन के इस्तेमाल को बरकरार रखा. अब ब्रिटेन की कोर्ट का सामना कर रही कंपनी ने दुनियाभर से वैक्सीन वापस ले ली है.''


एस्ट्राजेनेका ने घोषणा की है कि वह व्यवसायिक कारणों से वैक्सीन बाजार से वापस ले रही है. इसने साथ ही कहा है कि नई वैक्सीन नहीं बनाई जा रही है. वैक्सीन को वापस लेने का आवेदन 5 मार्च को दिया गया था और 7 मई से यह प्रभावी हुई है. यूरोपीयन यूनियन के देशों में अब यह वैक्सीन उपलब्ध नहीं रहेगी. 






ब्रिटेन से हटाई जाएगी ये वैक्सीन
इसी तरह का आवेदन ब्रिटेन और अन्य देशों में दिया जाएगा जिसने वैक्सीन को अनुमति दी थी. हां यह वैक्सीन वैक्सजेवरिया के नाम से बेची जा रही है. हाल के  महीने में वैक्सजेवरिया जांच के दायरे में है. जिससे शरीर में खून का थक्का जम जाता है और प्लेटलेट काउंट घट जाता है. कोर्ट में पेश दस्तावेज में एस्ट्राजेनेका ने यह स्वीकार किया था कि 'हां, ऐसा हो सकता है लेकिन बहुत ही कम मामलों में.''


कोर्ट में एस्ट्राजेनेका के जवाब ने फैलाई घबराहट
एस्ट्राजेनेका द्वारा कोर्ट में पेश किए गए जवाब के बाद भारत में भी सियासी हलचल तेज हो गई. तमाम विपक्षी पार्टियां बीजेपी के विरोध में उतर गईं और कोविशील्ड लगवाने को लेकर केंद्र  सरकार से सवाल पूछे. बता दें कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब देश में लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं. 


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