Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए अब पार्टियों ने अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है, पार्टियों के सभी उम्मीदवार लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं और वोट की अपील कर रहे हैं. वहीं टिकट वितरण में बीजेपी ने इस बार सभी वर्गों पर खासा ध्यान दिया है, पिछले चुनावी रणनीति से अलग बीजेपी ने 4 पसमांदा मुसलमानों को एमसीडी चुनाव में टिकट दिया है. जिसकी चर्चा दिल्ली एमसीडी सियासी गलियारों में तेज हो चुकी है. आज के दौर में भी पसमांदा मुसलमान सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़े माने जाते हैं, वोट साधने के लिए पसमांदा मुस्लिम के जीवन को गति देने के नाम पर कई बार चुनावी दौर में पार्टियों द्वारा सियासी बयानबाजी कर हमदर्द बनने की होड़ मची रहती है.


अंसारी, कुरैशी, सिद्धकी सहित 40 से ज्यादा जातियां पसमांदा मुस्लिम वर्ग में आती हैं और दिल्ली नगर निगम के दर्जनभर वार्ड पर इनके वोटों का खासा प्रभाव है. दिल्ली नगर निगम चुनाव में सभी वर्गों का समीकरण साधने के लिए बीजेपी ने बड़ी रणनीति तैयार की है, जिसकी कमान खुद पार्टी के शीर्ष नेताओं ने संभाल रखी थी. इस चुनाव में चार पसमांदा मुस्लिम को टिकट दिया है जिसमें 3 महिलाएं भी शामिल है. इस लिस्ट में इरफान मलिक को चांदनी महल वार्ड से, समीना राजा को कुरेशी नगर वार्ड से, सबा ग़ाज़ी को चौहान बांगर वार्ड से और शबनम मलिक को मुस्तफाबाद वार्ड से टिकट दिया है.


बीजेपी पर मुस्लिम उम्मीदवारों को अनदेखा करने का आरोप 


लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव इसके अलावा निकाय चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगते हैं कि मुस्लिम विरोधी एजेंडे के साथ वह न के बराबर अपने पार्टी से मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारती है. इस बार लेकिन इस बार दिल्ली एमसीडी में सीधे 4 पसमांदा मुसलमानों को टिकट देने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के एजेंडे पर ही निकाय से लेकर लोकसभा चुनाव तक का सफर पार्टी तय करेगी.


इस रणनीति को लेकर बनाया प्लान


वहीं इन 4 सीटों पर पिछड़े वर्ग मुस्लिम का वोट बैंक का खासा प्रभाव है, लेकिन अभी यह कहना मुश्किल होगा कि बीजेपी के यह मुस्लिम प्रत्याशी सीट जिताने में कामयाब हो जाएंगे क्योंकि यहां से आम आदमी पार्टी- कांग्रेस उम्मीदवारों से बीजेपी को कड़ी टक्कर मिलती दिखाई दे रही है. 


बीजेपी ने आयोजित किया था पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन 


पिछले महीने देश के सबसे बड़े सियासी केंद्र उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बीजेपी द्वारा 16 से 18 अक्टूबर को पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें यूपी कैबिनेट के साथ बीजेपी के शीर्ष नेताओं की भी भूमिका देखी गई थी. अब यह भी कहना होगा की मुस्लिम टिकट उम्मीदवारी को लेकर निश्चित ही पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति में बदलाव के संकेत दे दिए हैं.


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