Delhi Mayor Election: शैली ओबेरॉय या शिखा राय, दिल्ली का अगला मेयर कौन? बुधवार को फैसला
MCD Mayor Election: 26 अप्रैल को होने वाले महापौर चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किये थे. इनमें आप की तरफ से शैली ओबेरॉय और बीजेपी की तरफ से शिखा राय उम्मीदवार हैं.
MCD Mayor Election: दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव बुधवार (26 अप्रैल) को होना है, जिसमें मुकाबला आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय और बीजेपी शिखा राय के बीच है. अधिकारियों ने बताया था कि 26 अप्रैल को होने वाले मेयर चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे, जिनमें मौजूदा मेयर ओबेरॉय और बीजेपी की शिखा राय हैं. शैली ओबेरॉय 22 फरवरी को दिल्ली की महापौर चुनी गई थीं. उन्होंने बीजेपी की रेखा गुप्ता को 34 मतों के अंतर से हराया था.
शैली ओबेरॉय को 150 वोट मिले थे, जबकि रेखा को कुल 266 वोट में से 116 वोट मिले थे. राष्ट्रीय राजधानी में मेयर पद के लिए बारी-बारी से एक-एक साल के पांच कार्यकाल के लिए चुनाव होता है. पहले वर्ष में मेयर का पद महिलाओं, जबकि तीसरे वर्ष में आरक्षित श्रेणी के लिये होता है. अन्य तीन वर्षों (दूसरे, चौथे और पांचवें) में यह पद अनारक्षित श्रेणी के लिये होता है. आधिकारिक सूत्रों ने तीन अप्रैल को कहा था कि नये महापौर के चुनाव तक ओबेरॉय पद पर बनी रहेंगी.
पीठासीन अधिकारी हैं मुकेश गोयल
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल 26 अप्रैल को होने वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के महापौर के चुनाव के पीठासीन अधिकारी होंगे. उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने गोयल के नाम को मंजूरी दे दी. अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले हफ्ते गोयल की सिफारिश की और उपराज्यपाल से मंजूरी मांगी. अधिकारी ने कहा कि गोयल दिल्ली नगर निगम के सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं. केजरीवाल ने उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए गोयल का नाम भेजते हुए कहा था कि महापौर और उप महापौर के चुनाव के लिए वरिष्ठतम पार्षद को पीठासीन अधिकारी के रूप में नामित करने की परंपरा के अनुसार उनके नाम को मंजूरी दी गई थी.
केजरीवाल ने क्या कहा?
केजरीवाल ने यह भी कहा था कि गोयल को पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त करने का निर्णय उपराज्यपाल के लिए बाध्यकारी था जब तक कि वह मतभेद की स्थिति में मामले को राष्ट्रपति को संदर्भित करने का निर्णय नहीं लेते. फरवरी में एमसीडी के नवनिर्वाचित सदन की पहली बैठक में महापौर और उपमहापौर के चुनाव के लिए भाजपा पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के सक्सेना के फैसले का आप सरकार ने पुरजोर विरोध किया था. उपराज्यपाल ने फरवरी में पीठासीन अधिकारी के तौर पर गोयल के नाम को खारिज कर दिया था.
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