Delhi Coronavirus News: दिल्ली में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है. इस बीच दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक 5 से 9 जनवरी के बीच 46 मौतें हुईं, जिनमें से 34 लोगों ने कोरोना वैक्सीन नहीं ली थी. वहीं 21 मरीज किसी अन्य कारणों से कोरोना संक्रमित होने से पहले ही अस्पताल में भर्ती हुए थे. फिलहाल देश-दुनिया की डेटा से यही ट्रेंड पता चल रहा रहा है कि टीकाकरण से मौत के जोखिम में कमी आती है.


इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती उन लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है जो किसी और गंभीर बीमीर से ग्रसित हैं. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के मेडिकल निदेशक बीएल शेरवाल का कहना है कि अस्पताल में कोरोना से भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है. यह कहना गलत होगा कि इस बार मौतें सिर्फ कोरोना के कारण हो रही हैं. उनका कहना है कि इस बार ज्यादा मौतें को-मॉर्बिडिटी के कारण हो रही हैं. 


अलग-अलग कारणों से हुई मरीज की मौत


हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लोक नायक अस्पताल में 74 साल के एक व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई. हालांकि मौत के बाद जांच में कोरोना संक्रमित मिले थे. वहीं एक और मौत कैंसर की वजह से हुई थी. इसी तरह एक मरीज की मौत शुगर और छाती में संक्रमण का कारण हुई थी. यानी 46 में से 34 मौतें उन लोगों की हुई, जिनमें कोरोना संक्रमण को और खतरनाक बनाने के लिए कोई न कोई गंभीर बीमारी पहले से थी.


अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही हालत थी गंभीर


वहीं 23 मौतें अस्पताल में भर्ती होने के एक दिन के अंदर में हुईं. इससे पता चलता है कि इन मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही हालत गंभीर थी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पहले से मौजूद को-मॉर्बिडिटी को कोरोना और खतरनाक बना दोता है. 5 से 9 जनवरी तक अस्पताल में भर्ती होने और मौत की रिपोर्ट को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में सोमवार को पेश किया गया था. बैठक में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक मौत की संख्या में हुई बढ़ोतरी पर अध्ययन करने की भी सहमित बनी है. दिल्ली सरकार ने इसके लिए कोविड डेथ एनालिसिस कमेटी का गठन किया है.


ऑक्सीजन सपोर्ट की पड़ रही है जरूरत


दिल्ली में रविवार को 17 मौतें दर्ज की गई थीं, जो 16 जून के बाद सबसे अधिक है. सोमवार को भी 17 मौतें हुईं. आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पिछले पांच दिनों में ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत वाले मामलों की संख्या 140 से बढ़कर 440 हो गई है. जानकारी के मुताबिक 5 से 9 जनवरी के बीच जिन 46 मरीजों की मौत हुई है, उनमें से 25 मरीजों की उम्र 60 साल से ज्यादा थी, जबकि 14 मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 41 साल से 60 साल के बीच की थी. हाल ही में मरने वाले कुछ मरीज ऐसे थे, जिन्हें जब अस्पताल में लाया गया था, तब उनका एसपीओ 2 80 से नीचे गिर गया था और 70-80 रेंज में था.


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