Deepa Malik Organ Donation: पैरालंपिक खेलों (Paralympic Games) में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट दीपा मलिक (Deepa Malik) ने अपने अंगों को दान करने की घोषणा की है. दीपा मलिक का कहना है कि अंगदान एक महादान है. उन्होंने कहा कि यह उन हजारों लोगों को जीवन की एक नई उम्मीद देता है, जो अंगों के खराब हो जाने के कारण मृत्यु से जूझ रहे होते हैं. यह लोगों के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए एक पहल है, जिसके लिए उन्होंने अपने सभी अंगों को दान करने की घोषणा की है.

 

दीपा मलिक दिल्ली के द्वारका स्थित एक अस्पताल में पहुंची, जहां उन्होंने अस्पताल में नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर अंग दान किए जाने को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान से जुड़कर पैरालंपिक चैंपियन दीपा मलिक ने भी अपने सभी अंगों को दान करने का ऐलान किया है. इतना ही नहीं इस दौरान दीपा मलिक ने सभी लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की है.

 

हमें रूढ़िवादी सोच और विचारों को तोड़ना है: दीपा मलिक
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए दीपा मलिक ने कहा अंगदान को लेकर कई रूढ़िवादी और पुरानी सोच अभी भी मौजूद है, लेकिन आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं. ऐसे में हमें उन सभी पुरानी रूढ़िवादी सोच और विचारों को तोड़ना है. दीपा मलिक ने कहा कि इस अभियान के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह जागरूकता बढ़ानी है कि अंगदान क्यों जरूरी है और यह कैसे किया जा सकता है.

 

मणिपाल हॉस्पिटल ने की है अभियान की शुरुआत

उन्होंने कहा कि आप की एक पहल से कैसे दूसरे लोगों की मौत से जूझ रहे हैं, उनको एक नई जिंदगी मिल सकती है. इसके लिए द्वारका स्थित मणिपाल हॉस्पिटल ने अभियान की शुरुआत की है, जिसके साथ दीपा मलिक भी इस अभियान से जुड़ गई हैं और उन्होंने अपने सभी अंगों को दान करने का ऐलान किया है. अपने सभी अंगों को दान करने को लेकर दीपा मलिक ने कहा कि उन्होंने मौत को करीब से देखा है. वह कई बार चोटिल हुई हैं.

 


 


लोगों को जागरूक करेंगी दीपा मलिक


दीपा मलिक ने कहा कि उन्हें यह एहसास है कि जब अपने शरीर का कोई भी अंग काम करना बंद कर देता है तो कैसा लगता है, लेकिन तभी अगर कोई आप तक एक मदद का हाथ पहुंचाता है, तो आपको जीने की एक नई उम्मीद मिलती है. आपके लिए वह एक नया जीवन होता है. ऐसी ही मदद तो दूसरे लोगों तक पहुंचाने की उनकी तरफ से यह कोशिश है और वह इस पहल से जुड़ते हुए लोगों को जागरूक करेंगी.

 

भारत में हर साल लगभग 4 लाख लोगों को पड़ती है ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत 

इस मौके पर पैरालंपिक चैंपियन दीपा मलिक के साथ नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के डायरेक्टर डॉ. रजनीश सहाय और अस्पताल के डॉक्टर अवनीश सेठ मौजूद रहे, जो इस अभियान को लीड कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हर साल भारत में लगभग 4 लाख लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है, जिसमें से बहुत से लोग इस चीज के लिए सक्षम होते हैं, वहीं कुछ लोग ऑर्गन ट्रांसप्लांट नहीं करवा पाते, इसकी वजह से उनकी जान चली जाती है.

 

एक व्यक्ति बचा सकता है 8 लोगों की जिंदगी

डॉ. अवनीश सेठ ने बताया कि एक व्यक्ति ब्रेन डेथ के बाद अपना दिल, फेफड़े, लीवर, किडनी, छोटी आंत और पेनक्रियाज दान करके 8 जिंदगी तक बचा सकता है. कई बार लोग अंगदान करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं होती. उन्हें नहीं पता होता कि वह कहां जाकर अंग दान कर सकते हैं. वह यदि इस पहल से जुड़ेंगे तो उनकी ओर से दान किए गए ऑर्गन का सही इस्तेमाल होगा. ऐसे भी मणिपाल हॉस्पिटल ने नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इस अभियान की शुरुआत की है.

 

ऑर्गन डोनेशन के लिए यहां मिलेगी पूरी जानकारी

उन्होंने बताया कि आप या तो सीधा नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट पर जाकर अपने अंगदान के लिए पंजीकरण कर सकते हैं या फिर मणिपाल हॉस्पिटल की वेबसाइट पर भी जाकर पंजीकरण कर सकते हैं. यहां पर ऑर्गन डोनेशन के लिए पूरी जानकारी मिलेगी. इसके बाद जो भी भ्रम ऑर्गन डोनेशन को लेकर हैं, वह भी दूर हो जाएंगे.