New Education Policy In Chhattisgarh: नए शिक्षा सत्र से प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के तहत एक समान पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा. शासन ने पाठ्यक्रम को रोजगारपरक बनाने के उद्देश्य से सभी कॉलेजों में समान पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है. शासन द्वारा गठित विभिन्न समितियां पाठ्यक्रम तैयार करने में जुटी हैं. शासन ने प्रदेश के सभी कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एक समान पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है. पिछले साल प्रयोग बतौर नए पाठ्यक्रम को प्रदेश के सभी स्वशासी महाविद्यालयों में लागू किया था. 


स्वशासी महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम के सफल होने के बाद अब सभी कॉलेजों में इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है. पिछले दिनों रायपुर में हुई कुलपतियों की बैठक में विभिन्न टीमों का गठन कर नए पाठ्यक्रम का सिलेबस तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के बाद समितियों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम की समीक्षा उपरांत इसे लागू किया जाएगा. नए पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा से मुक्ति मिल जाएगी तथा सभी को सेमेस्टर प्रणाली के तहत हर 6 महीने में परीक्षा देनी होगी.


आंतरिक जिम्मेदारियों को करना होगा पूरा 
नए सत्र से विद्यार्थियों को नियमित अपनी कक्षा में उपस्थित होना होगा. क्योंकि अटेंडेंस कम होने पर विद्यार्थी परीक्षा से वंचित हो सकते हैं. विद्यार्थियों को अलग-अलग साल की परीक्षा उपरांत सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री एवं आनर्स प्रदान किया जाएगा. विद्यार्थी कभी भी अपनी पढ़ाई छोड़ सकेंगे तथा अंतराल के बाद किसी भी कॉलेज से फिर से आगे की पढ़ाई शुरू कर सकेंगे.


पढ़ाई के दौरान सभी विषयों के विद्यार्थियों को असाइन्मेंट सहित अन्य आंतरिक जिम्मेदारियों को पूरा करना होगा. इन व्यवहारिक कार्यों के लिए अंग भी निर्धारित किया जाएगा. सबसे खास बात है कि नए पाठ्यक्रम के तहत विद्यार्थियों की रूचि के अनुसार उनका कौशल विकास किया जाएगा ताकि कभी भी वे स्वयं का रोजगार प्रारम्भ कर सकें.


चार साल का होगा पाठ्यक्रम
नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक का पाठ्यक्रम चार साल का होगा. पहले साल की पढ़ाई के बाद विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल स्नातक की डिग्री एवं चौथे साल आनर्स प्रदान किया जाएगा. आनर्स की डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थी स्नातकोत्तर की पढ़ाई किए बिना शोधकार्य प्रारम्भ कर सकेंगे. बीच में पढ़ाई बाधित होने पर विद्यार्थी अपने क्रेडिट के आधार पर दोबारा फिर से प्रदेश लेकर आगे की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे.


इसके लिए एक क्रेडिट बैंक बनाया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों के सारे दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे. अपने लॉग इन आईडी से विद्यार्थी कभी भी इन दस्तावेजों का उपयोग अपने आगे की पढ़ाई के लिए कर सकेंगे.


एसजीजीयू के समक्ष कई चुनौतियां
सरगुजा जिले में स्थित संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय (SGGU) वर्तमान में नवीन एवं पुराना दो पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है. नए सत्र से नई शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा. नए पाठ्यक्रम के साथ पूर्व से संचालित दो पाठ्यक्रमों की परीक्षा एक साथ आयोजित करना किसी चुनौती से कम नहीं है. वर्तमान में उधार के भवन में संचालित हो रहे प्रशासनिक कार्यालय के विभागों का संचालन तंग कमरों में किया जा रहा है.


इसीलिए विवि प्रबंधन प्रशासनिक कार्यालय एवं शैक्षणिक विभागों को अतिशीघ्र भकुरा परिसर स्थित निर्माणाधीन भवनों में शिफ्ट करने की तैयारियां कर रहा है. नए पाठ्यक्रम से स्वाध्यायी विद्यार्थियों में ऊहापोह की स्थिति है. हालांकि वरिष्ठ अधिकारी स्वाध्यायी विद्यार्थियों को भी आंतरिक कार्य करा इसे सुगम बनाने की बात कह रहे हैं.


तैयार है विश्वविद्यालय प्रबंधन
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एसपी त्रिपाठी ने बताया कि, शासन की मंशा एवं गाइडलाइन के अनुसार नए सत्र से नई शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम संचालित करने पूरी तरह तैयार है. विवि द्वारा पूर्व से नए एवं पुराने पाठ्यक्रम को संचालित किया जा रहा है वहीं नए सत्र से एनईपी पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा. एक साथ तीन पाठ्यक्रमों का संचालन चुनौतीपूर्ण है. विवि इन चुनौतियों के निराकरण के लिए अति शीघ्र प्रशासनिक भवन व शैक्षणिक विभागों को भकुरा परिसर में शिफ्ट करने का प्रयास कर रहा है.


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