Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में 'मिचौंग' तूफान (Michaung Cyclone) का असर चौथे दिन भी दिखाई पड़ा. राजधानी रायपुर में पिछले तीन दिनों से सूरज की किरणें नहीं दिखी हैं. आज भी सुबह से आसमान में काले घने बादल छाए हुए हैं. मौसम विभाग ने आज भी छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की है. इससे छत्तीसगढ़ में किसानों की परेशानी बढ़ गई है. कई जगह से खेती प्रभावित होने और फसलों के नुकसान की भी जानकारी आ रही है.


दरअसल, दक्षिण बंगाल की खाड़ी में बने एक चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' के 5 दिसंबर को तमिलनाडु में दस्तक देने के बाद आस-पास कई राज्यों में इसका असर दिख रहा है. खासकर आंध्र प्रदेश में भारी बारिश हुई है. वहीं आंध्र प्रदेश से लगे छत्तीसगढ़ में भी तूफान का असर पिछले तीन दिनों से दिख रहा है. रायपुर मौसम विभाग ने आज भी तूफान का असर जारी रहने की संभावना जताई है. हालांकि, मौसम विभाग का ये मानना है कि तूफान कमजोर हो गया है, लेकिन धीरे-धीरे उत्तर की तरफ बढ़ रहा है. इसलिए आज उत्तर छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना है.


उत्तर छत्तीसगढ़ में आज भी बारिश के आसार
रायपुर मौसम विभाग के वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में सुपर साइक्लोन 'मिचौंग' बना हुआ है, जो अब धीरे-धीरे उत्तर की तरफ बढ़ रहा है. साथ ही यह साइक्लोन कमजोर होते-होते एक ऊपरी हवा के चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के रूप में दक्षिण छत्तीसगढ़ में सुबह साढ़े पांच बजे था. इसके प्रभाव से आने वाले 24 घंटे में प्रदेश के उत्तर छत्तीसगढ़ में बारिश होने की संभावना है. एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात की संभावना भी है. बाकी दक्षिण छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना अब कम है. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में अधिकतम तापमान में अगले चार दिनों में 5 से 6 डिग्री की बढ़ोतरी और न्यूनतम तापमान में इसी अवधि में तीन से चार डिग्री की गिरावट होने की संभावना है.


तूफान के चलते किसानों का भारी नुकसान 
दरअसल, धान की कटाई के समय हो रही रुक-रुक कर बारिश ने मंडियों में धान खरीदी की प्रक्रिया को लगभग बंद कर दिया है, क्योंकि खेत में पड़े धान जमीन गीली होने के कारण मशीन से कट नहीं पा रहे हैं. साथ ही बारिश की वजह से धान में नमी ज्यादा होने के कारण मंडियों में धान खरीदी नहीं हो रही है. अगर कुछ दिन और इसी तरह बारिश हुई तो धान खेत में ही अंकुरित हो जाएंगे. इससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है. रायपुर के किसान पारसनाथ साहू ने बताया कि कटाई के समय धान की बालियां टूट कर गिरेगी, दाना ज्यादा झड़ेगा और मवेशी के लिए पैरा लगातार भीगने से 75% खराब हो गया है. अगर ऐसे ही बारिश होती रही, तो धान का दाना भी 75% से 90% तक खराब हो जाएगा.



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