Bastar News: भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा 2 हजार रुपये के नोटों का प्रचलन बंद किए जाने से नक्सली संगठन को इससे बड़ा नुकसान पहुंचा है. छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली अपने पास रखे 2 हजार रुपय के नोटों को खपाने की कोशिशों में लगातार जुटे हुए हैं. इसके लिए नक्सली अपने सहयोगियों का सहारा ले रहे हैं. कुछ पैसों को नक्सली अपने सहयोगियों  के बैंक के खाते में जमा करवा रहे हैं तो कुछ पैसों से सामानों की खरीदारी भी कर रहे हैं. बीजापुर जिले में ही बीते 15 दिनों में  पुलिस ने नक्सलियों का 18 लाख रुपए नगद बरामद किया है.


जिसमें सभी नोट 2-2 हजार रु के हैं. गिरफ्तार नक्सल सहयोगियों से पूछताछ में पता चला है कि ये 2 - 2 हजार रु के नोट नक्सली संगठन में अलग-अलग नक्सली कमांडर के हैं. जो अपने पास रखे नोटों को खपाने की जुगत में लगे हुए है, लेकिन नक्सलियों के इस प्लान में पुलिस ने पानी फेर दिया. वही पुलिस का अनुमान है कि नक्सली संगठन के पास  ठेकेदारों, तेंदूपत्ता के ठेकेदारों और व्यापारियों से लेवी के तौर पर वसूले गए लाखों रुपए हो सकते हैं. जिनमें  सबसे ज्यादा 2 हजार के नोट  शामिल हैं. इसलिए पुलिस पूरे बस्तर संभाग में नजर बनाए रखी हुई है. इसी के तहत पुलिस को नक्सलियों की नगद राशि जब्त करने में सफलता भी हासिल हो रही है.


2 हजार के नोटो से ट्रैक्टर खरीदने का था प्लान
बीजापुर के एडिशनल एसपी चंद्रकांत गवरना ने बताया कि आरबीआई के द्वारा 2 हजार रु. के नोट को बंद करने के बाद पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई है और नक्सली संगठन के पास मौजूद बड़ी संख्या में 2 हजार रु के नोट को खपाने की कोशिशों को देखते हुए मोबाइल चेक पोस्ट लगाकर एक एक वाहनों की चेकिंग करने के साथ संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है. इसके अलावा जिले के बैंकों पर भी खास नजर बनाए रखी हुई है. इसी के तहत  पुलिस को मुखबिर से सूचना मिलने के बाद शहर के एक ट्रैक्टर शोरूम में ट्रैक्टर खरीदने आये नक्सल सहयोगी को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है. एडिशनल एसपी चंद्रकांत ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने के बाद लगातार सभी ट्रैक्टर शोरूम में दबिश दी जा रही थी.


इसी दौरान शहर के जॉन डियर नामक ट्रैक्टर शोरूम में पुलिस ने दबिश दी. यहां मुखबिर द्वारा बताए गए हुलिया के आधार पर व्यक्ति की तलाश की गई. इस दौरान पुलिस के जवानो को देखकर भागने की कोशिश कर रहे नक्सल सहयोगी को मौके पर मौजूद जवानों के द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा गया, पूछताछ करने पर उसने अपना नाम दिनेश ताती पालनार निवासी बताया और खुद को एक एनजीओ से जुड़ा होना बताया. जिसके बाद पुलिस ने उसके पास रखे एक बैग की तलाशी ली जिसमें 2 हजार के नोट की 5 गड्डी और प्रत्येक में 100 नोट कुल मिलाकर 10 लाख रुपए और नक्सलियों का पर्चा भी बरामद किया.


पैसे और नक्सली पर्चे के संबंध में पूछताछ करने पर गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि इसमें से 6 लाख रु. नक्सली मुन्ना  हेमला जो पालनार जनताना सरकार अध्यक्ष है, मुन्ना हेमला को यह राशि  गंगालूर  एरिया कमेटी इंचार्ज दिनेश मोड़ीयम से मिला था, इसके अलावा 2 लाख रुपये  शांति पुनेम जो  गंगालूर एरिया कमेटी की सदस्य है और 2 लाख रुपये पंडरु पोटाम गंगालूर जनमिलिशिया कमांडर  के द्वारा उसे दिया गया था, पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि 2 हजार के नोट प्रचलन से बाहर होने से लेवी वसूली की इस रकम को ट्रैक्टर खरीदी में खपाने की योजना थी. लेकिन पुलिस ने सारे उम्मीदों पर पानी फेर दिया.


पुलिस संदिग्धों पर  बनाई  हुई है नजर
एडिशनल एसपी चंद्रकांत ने बताया कि इस मामले में छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम की धाराओं पर मामला दर्ज करते हुए नक्सल सहयोगी आरोपी दिनेश ताती को गिरफ्तार कर लिया है. उसके पास से 2 हजार रु नोट के 5 गड्डी  कुल 10 लाख रुपए इसके साथ ही 80 नग नक्सली पर्चा और  जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बीजापुर का पासबुक भी जब्त किया है. वहीं आरोपी को रिमांड में लेकर लगातार पूछताछ की जा रही है, पुलिस अधिकारी का कहना है कि नक्सलियों के पास 2 हजार रु के बड़ी संख्या में नोट हो सकते हैं, ऐसे में उसको खपाने की किस तरह से प्लानिंग की जा रही है. इसको लेकर भी गिरफ्तार नक्सली सहयोगियों से पूछताछ की जा रही है.


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