Chhattisgarh MLA Salary Hike: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में एक बड़ा फैसला हुआ है. राज्य सरकार की ओर से विधायक, नेताप्रतिपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन भत्ते को बढ़ा दी गई है. इसके लिए सदन में वेतन भत्ता वृद्धि के लिए संसाधन विधेयक पारित हो गया है. अब विधायकों को पहले से ज्यादा सैलरी और भत्ते मिलेंगे. इससे राज्य सरकार का वित्तीय भार 4 करोड़ 89 लाख रुपए हो जाएगा.


विधानसभा में वेतन भत्ता वृद्धि का विधायक पारित


दरअसल कैबिनेट बैठक में विधानसभा के सदस्यों के वेतन भत्ता वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. इसके बाद मानसून सत्र के तीसरे दिन वेतन - भत्ता वृद्धि से संबंधित विधेयक को पारित कर दिया है. इसमें हर महीने मिलने वाली सैलरी,निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता,दैनिक भत्ता और चिकित्सीय भत्ता में वृद्धि की गई है. सदन में पारित विधेयक के अनुसार अब नेताप्रतिपक्ष का वेतन 30 हजार रुपए प्रति माह होगा, निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता 30 हजार बढ़ाकर 70 हजार रुपए किया गया और दैनिक भत्ता में 1 हजार रुपए बढ़ाकर 3 हजार रूपए किया गया है. इससे अब राज्य सरकार पर नेता प्रतिपक्ष के लिए सालाना वित्तीय भार 7 लाख 20 हजार रुपए होगा.


विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का वेतन भत्ता


विधानसभा अध्यक्ष का महीने का वेतन 32 हजार रुपए है. निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता 33 हजार रुपए बढ़ाकर कर 73 हजार रूपए किया गया है और दैनिक भत्ता 2 हजार को बढ़ाकर कर 3 हजार रूपए किया गया है. वहीं उपाध्यक्ष का वेतन 28 हजार प्रति महीना है. निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता 28 हजार बढ़ाकर 68 हजार रुपए किया गया और दैनिक भत्ता 2 हजार रुपए था इसमें 800 रुपए बढ़ाकर 2800 रुपए किया गया है. इससे अब राज्य सरकार को सालाना विधानसभा अध्यक्ष के लिए 7 लाख 56 हजार रुपए और उपाध्यक्ष के लिए 6 लाख 24 हजार रुपए है वित्तीय भार पड़ेगा. वहीं अध्यक्ष उपाध्यक्ष के वेतन भत्ते में वृद्धि के बाद अब कुल 13 लाख 80 हजार वित्तीय भार आएगा.


विधायकों को टेलीफोन भत्ता हर महीने 10 हजार रुपये मिलेंगे


छत्तीसगढ़ विधानसभा के विधायकों के वेतन भत्ते में भी वृद्धि की गई है. इसके अनुसार मासिक वेतन 20 हजार रुपए है. निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता 25 हजार रुपए बढ़ाकर 55 हजार रुपए किया गया है. टेलीफोन भत्ता को 5 हजार रुपए बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया गया है.दैनिक भत्ता में 1 हजार रुपए बढ़ाकर 2 हजार रुपए किया गया है. इसके अलावा चिकित्सीय भत्ते में 5 हजार रुपए बढ़ाकर 15 हजार रुपए किया गया है. इसके बाद अब राज्य सरकार को सालाना वित्तीय भार 4 करोड़ 68 लाख रुपए आएगा.


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