Rajnandgaon News: भारत के नागरिकों को स्वास्थ्य, प्रकृति, संस्कृति और गौरवशाली इतिहास के साथ-साथ भारत के लिए एक रिकॉर्ड बनाने के उद्देश्य से राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ से एक तिरंगा लेकर एक युवक ने उल्टी चाल की पदयात्रा शुरू करते हुए भारत भ्रमण पर निकल चुका है. युवक उल्टे पांव चलते हुए राजनांदगांव पहुंचा. 


पीठ पर एक बैग के सहारे भारत की आन-बान और शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज लगाएं उल्टे पैर पीछे की ओर चलता हुआ यह युवक मेहुल लखानी भारत की संस्कृति, प्रकृति और गौरवशाली इतिहास का बखान करने भारत भ्रमण पर निकला हुआ है. युवक ने यह  यात्रा मां बमलेश्वरी की पावन नगरी डोंगरगढ़ से शुरू की है. यह युवक आज उल्टे पांव चलता हुआ डोंगरगढ़ से राजनांदगांव पहुंचा. 


विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का उद्देश्य
उसने बताया कि वह मध्य प्रदेश में विद्या भारती का पूर्व आचार्य रह चुका है. 91 वर्ष पहले अमेरिका के एक व्यक्ति द्वारा इसी तरह अपने पीछे की दिशा में चलते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इस विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर भारत के लिए यह उपलब्धि हासिल करने और भारत की संस्कृति के प्रचार-प्रसार को लेकर उसने अपनी इस यात्रा की शुरुआत की है. पीछे की ओर चलते हुए भारत के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की इच्छा रखने वाले मेहुल लखानी को मेहुल भारत यात्री के नाम से भी जाना जाता है.


मेहुल साइकिल से 46 हजार की यात्रा भी कर चुका है
इससे पहले मेहुल ने भारत की संस्कृति, प्रकृति और इतिहास को लेकर जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश से यात्रा शुरू करते हुए भूटान और नेपाल साइकिल से 46000 किलोमीटर की यात्रा 27 महीने में तय की थी, तो वहीं अब अपनी इस पीछे की ओर चलने की अनोखी यात्रा को लेकर वह एक बार फिर भारत भ्रमण के लिए निकले हैं. डोंगरगढ़ से अपनी यात्रा शुरू करते हुए वह राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई होते हुए रायपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का प्रयास करेंगे और इसके बाद अयोध्या और अन्य राज्यों से होते हुए अपनी इस यात्रा को वह पूरा करेंगे.


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