Chhattigarh News : छत्तीसगढ़ में देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी गारंटी पूरी होने जा रही है. बीजेपी सरकार राज्य में 12 लाख किसानों को 2 साल का बकाया बोनस जारी करेगी. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय किसानों को 3716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रुपये का भुगतान करेंगे. इसके लिए रायपुर के बेन्द्री गांव में बड़ा कार्यक्रम रखा गया है और दोपहर 1 बजे बोनस वितरण कार्यक्रम शुरू होगा. इसमें सीएम और दोनों डिप्टी सीएम शामिल होंगे.


दरअसल, राज्य में 15 साल तक बीजेपी की सरकार रही है यानी राज्य गठन के बाद ज्यादातर समय बीजेपी ने सत्ता चलाई है. छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार के आखिरी पांच साल के कार्यालय को बेहद खास माना जाता है क्योंकि इसी दौरान रमन सिंह ने किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपये बोनस देने का फैसला किया था. हालांकि रमन सिंह सरकार किसानों को केवल 3 साल बोनस दे पाई, इसके बाद राज्य में किसानों को बोनस नहीं दिया गया. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार का एक बड़ा कारण रहा था. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कर वापस सत्ता में लौटी है, तो पुराने वादे को पूरा किया जा रहा है.


12 लाख किसानों को मिलेगा बोनस
आपको बता दें कि 25 दिसंबर को बीजेपी सुशासन दिवस के रूप में मनाती है क्योंकि ये देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती की तारीख है. इसलिए बीजेपी ने किसानों को बोनस देने की तारीख 25 दिसंबर को चुनी है. रविवार (24 दिसंबर) को दिल्ली से वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माता और बीजेपी के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है, इसको हम सुशासन दिवस के रूप में मनाते है. पीएम मोदी की गारंटी में हमने लोगों से वादा किया था कि 2 साल का बोनस छत्तीसगढ़ के करीब 12 लाख किसानों देंगे. कल पूरे प्रदेश के 12 लाख किसानों को 2 साल का बोनस उनके अकाउंट में भेजा जाएगा. 


किन्हें मिलेगा बोनस?
इस योजना से राज्य के सभी किसानों को फायदा नहीं होगा क्योंकि 2013 से 2018 के बीच राज्य में 12 लाख किसान ही धान बेचने के लिए पंजीकृत किसान थे. जिन किसानों ने उस समय मंडी में धान बेचा था. उन्हीं किसानों को बोनस मिलेगा. किसानों को प्रति एकड़ कितना पैसा मिलेगा, इसका आकलन करें तो प्रति एकड़ में किसानों से 15 क्विंटल धान खरीदी जाती थी. एक क्विंटल का 300 रुपये बोनस मिलेगा. इस हिसाब से किसानों को प्रति एकड़ में 4500 रुपये मिल सकता है. 


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