Chhattisgarh Lok Sabha Chunav 2024: छत्तीसगढ़ की सरगुजा संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 7 मई को को होना है. इस सीट पर बीजेपी के चिंतामणि कंवर और कांग्रेस की शशि सिंह के बीच सीधा मुक़ाबला है. दोनों के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. लेकिन बीजेपी के प्रत्याशी अपनी खुद की नहीं बल्कि मोदी की छवि से चुनाव जीतने के फॉर्मूले पर चलते नज़र आ रहे हैं.


यही वजह है कि चुनाव प्रचार का ज़िम्मा जिन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सौंपा गया है वो धूप की वजह से घर के बाहर नहीं निकल पा रहे है. जिससे ये सार्वजनिक चर्चा है कि मुक़ाबला कहीं ख़रगोश और कछुआ वाला ना हो जाए.


चिंतामणि को टिकट मिलने पर कार्यकर्ताओं ने जताई थी नाराजगी
ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी प्रत्याशी चिंतामणि कंवर (महाराज) का टिकट फाइनल होते ही कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में जो नाराज़गी थी. उसका असर आज भी दिख रहा है. ज्यादातर कार्यकर्ता चुनाव के काम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है और न ही संगठन की ओर से उनपर प्रचार प्रसार का कोई दबाव नज़र आ रहा है. दरअसल, चिंतामणि कंवर पिछले करीब 1 दशक तक कांग्रेस के विधायक रहे. लेकिन इस बार कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज़ होकर वो अपनी पुरानी पार्टी बीजेपी में सशर्त शामिल हुए. उनकी शर्त थी कि मुझे अम्बिकापुर से विधानसभा लड़वाओ या फिर लोकसभा चुनाव लड़वाओ. 


चिंतामणि के इस व्यवहार के बाद से अब तक बीजेपी कार्यकर्ताओं मे नाराज़गी है. वैसे क्षेत्र में यही चर्चा हो रही है कि चिंतामणि खुद की छवि से चुनाव नहीं जीत सकते. लेकिन अगर मोदी फ़ैक्टर काम कर जाए तो वे जीत भी सकते हैं.


बीजेपी प्रत्याशी ने जीत की हैं दर्ज
वैसे तो राजनीति में कब राजा फ़क़ीर बन जाए और कब फ़क़ीर के सर ताज आ जाए. ये कहा नहीं जा सकता. लेकिन सरगुजा में लोकसभा चुनाव के दौरान पिछला रिकार्ड भी बीजेपी नेताओं और प्रत्याशी के इस ढुलमुल रवैये का बड़ा कारण हो सकता है. दरअसल, सरगुजा संसदीय सीट पर दो दशकों से बीजेपी का ही क़ब्ज़ा रहा है. छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से यहां हर बार बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. राज्य गठन के बाद 2004 में जब राज्य में पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ था तब बीजेपी के नंदकुमार साय यहां से सांसद चुने गए थे.


उसके बाद 2009 में बीजेपी के मुरारी लाल सिंह ने जीत दर्ज की. 2014 मे कमलभान सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी को पटकनी दी. तो 2019 के आख़िरी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की रेणुका सिंह सरगुजा संसदीय सीट से चुनकर सदन तक पहुंची. उन्हें मोदी सरकार में बतौर केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में काम करने का अवसर मिला.


रिकार्ड पर भी भरोसा
कुल मिलाकर सरगुजा में चुनावी उत्साह कुछ खास नजर नहीं आ रहा. चुनावी हलचल सिर्फ जिले के बीजेपी-कांग्रेस दफ्तरों पर दिख रही है. बहरहाल “मोदी भरोसे चिंता” या “हाथ भरोसे शशि” के इस चुनावी घमासान में ऊंठ किस करवट बैठेगा. ये कहना जल्दबाज़ी होगी.


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