पटनाः सोमवार को सदन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का आक्रामक रूप दिखा. वे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) पर ही भड़क गए. नीतीश कुमार ने तेज आवाज में कहा कि संविधान के अनुरूप काम होगा. न हम किसी को फंसाते हैं और न बचाते हैं. आप इस तरह से हाऊस चलाएंगे? आप गलत कर रहे हैं. हम ऐसा नहीं चलने देंगे. इस तरह की चर्चा हाउस में नहीं की जाती है. सदन में स्पीकर विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश को टोकना चाहा लेकिन सीएम बोलते ही रहे. 


बाद में विजय सिन्हा ने कहा कि यह मेरे क्षेत्र का मसला है. तीन दिनों तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. स्पीकर ने कहा कि हम विधायिका का अपमान नहीं होने देंगे. आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इतने बड़े आसन पर बैठा कर मेरे क्षेत्र का सवाल तक नहीं हम उठा सकते. मैं एक दारोगा का, थाना प्रभारी का या एक डीएसपी की बात को नहीं रख पाता हूं. जैसे कहेंगे उसी तरह से सदन चलेगा.






यह भी पढ़ें- सुशील कुमार मोदी का सोनिया पर निशाना, 'कांग्रेसियों में हिम्मत नहीं कि वे पार्टी को गांधी परिवार से मुक्त करने की आवाज उठाएं'


दरअसल, बिहार विधानसभा में लखीसराय के एक मामले को बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उठाया था. संजय सरावगी ने कहा कि निर्दोष को पकड़ा जाता है, लखीसराय जिले में अब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई. इसी के बाद बात बढ़ गई. सीएम नीतीश के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा- "पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं. जिस मामले की बात हो रही है उसके लिए तीन बार सदन में हंगामा हो चुका है. मैं विधायकों का कस्टोडियन हूं. आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो. सरकार गंभीरता से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है."


यह भी पढ़ें- Bihar Land Registry: बिहार में जमीन से जुड़ी बड़ी खबर, अब एक दिन में हो जाएगा ये काम, केके पाठक के इस आदेश को जान लें