पटना: बिहार में जैसे-जैसे चुनाव करीब आता जा रहा है, राजनैतिक दलों के सब्र का बांध भी टूटता जा रहा है. एनडीए और महागठबंधन के अंदर अब तक सीटों का समझौता तो नहीं हो पाया मगर सहयोगियों ने पैंतरां बदलना शुरू कर दिया है. एनडीए में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, तो इधर महागठबंधन भी बिखरते हुए नजर आ रही है.


उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी के खिलाफ खोला मोर्चा


पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा का महागठबंधन से मोहभंग हो गया है. आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई थी.


आपात बैठक के बाद कही यह बात


इस बैठक के बाद एबीपी से बातचीत के दौरान आरएलएसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता माधवआनंद ने साफ शब्दों में कहा कि महागठबंधन में अब कुछ बचा नहीं है. लेकिन निर्णय के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को अधिकृत किया गया है जो अगले एक से दो दिन में निर्णय लेकर पार्टी का रुख साफ कर देंगें. इधर, बैठक के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने भी साफ शब्दों में कहा है कि पार्टी ने मुझे अधिकृत किया है और मैं जल्द ही निर्णय लूंगा.


जेडीयू प्रवक्ता ने कही यह बात


उपेन्द्र कुशवाहा के इस रुख पर जेडीयू बहुत खुश नजर आ रही है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा की उपेन्द्र कुशवाहा को ये बात देर से समझ आई. लेकिन ये अच्छी बात है कि उन्हें समय रहते ये समझ आ गई. गठबंधन के अन्य घटक दलों के साथ आरजेडी के बाकी सहयोगियों को समझ आ गया है कि बिहार को सम्भालने की क्षमता तेजस्वी में नहीं है.


आरजेडी प्रवक्ता ने कही यह बात


हालांकि, उपेन्द्र कुशवाहा के इस रुख पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिनका एनडीए ने अपमान किया था, उन्हें आरजेडी ने सम्मान दिया था. लेकिन ये सम्मान उन्हें रास नहीं आई. ऐसे में जिसको जहां जाना है जाए, बिहार की जनता तेजस्वी के साथ है और महागठबंधन का लगातार दायरा बढ़ रहा है. ऐसे में उन्हे फर्क नहीं पड़ता कि कौन कहां जा रहा है.