पटना: स्नातकों और शिक्षकों के साथ संवाद के लिए आयोजित वर्चुअल सभा में गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के मद्देनजर केरल, ओडिशा आदि कई राज्यों ने टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टॉफ के वेतन ने जहां कटौती की गई. वहीं बिहार में 3.5 लाख शिक्षकों के वेतन में गंभीर आर्थिक संकट के बावजूद 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है, जिससे उनके मूल वेतन नें 2.700 से 4,000 तक की वृद्धि होगी. इससे राज्य सरकार को 2,765 करोड़ का अतिरिक्त खर्च का भार उठाना पड़ेगा.


शिक्षकों को सातवें वेतन का दिया गया लाभ


उन्होंने कहा, " मूल वेतन में वृद्धि के साथ ही विश्वविद्यालय शिक्षकों को 7वें वेतनमान का लाभ दिया गया है और हाल में 4,638 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है."


लड़कियों की शिक्षा को कर रहे प्रोत्साहित


सुशील मोदी ने कहा, " उच्च शिक्षा के लिए एक लाख से ज्यादा नौजवानों को केवल 4 प्रतिशत के ब्याज पर 1,100 करोड़ रुपये का लोन दिया गया है. प्रदेश की शेष बची 3,350 पंचायतों में नौवी की पढ़ाई और राज्य के 5,500 स्कूलों में टीवी और इंटरनेट के जरिए स्मार्ट क्लास शुरू की गई है. लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्ग और श्रेणी से इंटर पास करने वाली लड़कियों को 10 हजार और स्नातक पास करने पर 25 हजार रुपये दिया जा रहा है.


एनडीए कार्यकाल में राष्ट्रीय संस्थान खोले गए


उन्होंने कहा, " एनडीए के पहले जिन लोगों को 15 साल राज करने का मौका मिला, उन्होंने चरवाहा स्कूल खोला, जो उन्हीं के कार्यकाल में बंद भी हो गया. उन्होंने पहलवान स्कूल खोलने का एलान किया था, जबकि एनडीए के कार्यकाल में आईआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी, प्रबंधन संस्थान सहित दर्जनों राष्ट्रीय स्तर के संस्थान खोले गए हैं.


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