सीवान: जिले के सदर अस्पताल में मरीजों को इन दिनों एक्सपायरी ओआरएस (Expiry ORS) दी जा रही है. रविवार को इसके बारे में तब पता चला जब शहर के कसेरा टोली की रहने वाली एक महिला के पेट में दर्द हुआ और वह अस्पताल पहुंची जहां उसे अस्पताल कर्मियों ने एक्सपायरी ओआरएस दे दी. सवाल यह उठता है कि अगर महिला उस एक्सपायरी ओआरएस को पी गई रहती और गलती से कुछ हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता? सीएस ने जांच की बात कही है.


बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) इसी जिले से आते हैं लेकिन ऐसी व्यवस्था है कि किसी की जान चली जाए. अभी हाल ही में इस अस्पताल को मॉडल बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने 36 करोड़ की लागत से बनने वाले मॉडल अस्पताल का शिलान्यास किया था. रविवार को जिस महिला को ओआरएस उपलब्ध कराया गया वो सितंबर 2020 का बना हुआ है और फरवरी 2022 में एक्सपायर हो चुका था.


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शिकायत के बाद भी किसी ने नहीं सुना


इधर, जब महिला को एक्सपायरी ओआरएस दी गई तो परिजनों ने इसकी शिकायत की. इसके बावजूद अस्पताल के चिकित्सकों ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया. सवाल यह उठ रहा है कि जब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिले के अस्पताल का यह हाल यह है तो दूसरे जिलों का क्या हाल होगा?


क्या बोले सिविल सर्जन?


सदर अस्पताल के चिकित्सक प्रशांत कुमार से इस पर पूछा गया तो कुछ नहीं कहा. कहा कि ऊपर के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी जाएगी. वहीं सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा ने कहा कि यह बहुत गंभीर बात है. इसकी बारीकी से जांच कराई जाएगी.


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