पटना के बापू सभागार में गुरुवार को आयोजित बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टोपी पहनने से परहेज किया और अपनी टोपी जमा खान को पहना दी. हर बार की तरह इस बार भी मुसलमानों ने उन्हें टोपी भेंट की थी, लेकिन इस बार सीएम ने टोपी खुद नहीं पहनी बल्कि अपने मंत्री को पहना दी. 

तेजस्वी यादव ने सीएम पर क्या कहा?

इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जोरदार हमला बोला है, उन्होंने पोस्ट कर कहा, "मदरसा एजुकेशन बोर्ड के शताब्दी वर्ष समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जबरन मदरसा शिक्षकों को बुलाया और फिर सम्मान स्वरूप टोपी पहनने से इनकार कर दिया."

तेजस्वी ने आगे कहा, "पिछले कई महीने से शिक्षकों की बहाली नहीं होने से नाराज लोगों ने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया और कहा कि मुसलमानों को बेवकूफ बनाना बंद करो. जैसा कि सर्वविदित है अपने चरित्र अनुसार नीतीश कुमार जी हमेशा सभी को ठगने का काम करते है. नारेबाजी से घबराकर उनके विश्वासघाती मंत्रियों को स्टेज छोड़ कर भागना पड़ा."

दरअसल हुआ यूं कि  समारोह से पहले स्वागत के तौर पर सलीम परवेज़ ने उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की, जिस पर नीतीश कुमार ने मना कर दिया और टोपी अपने हाथ में ले ली। बाद में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहम्मद जमा खान ने भी उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की, लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें भी रोक दिया और टोपी पहना दी.

दिख रही है मुसलमानों में नारजगी  

बता दें कि अब तक नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन में रहते हुए भी अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बचाए रखते आए हैं. वो कहते थे कि तिलक के साथ-साथ टोपी भी पहननी चाहिए, लेकिन गुरुवार को नीतीश कुमार ने खुद टोपी नहीं पहनी, बल्कि जमा खान को पहना दी. इससे बिहार की राजनीति भी गरमाई हुई है. मुसलमानों में नारजगी भी दिख रही है. राजनीतिक दल भी इसके कई मायने निकाल रहे हैं. विपक्ष भी लगातार हमलावर हैं. 

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