Patna News: आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने दावा किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की सभी 243 सीटों पर तैयारी तैयारी शुरू हो चुकी है. इस बयान से साफ है कि कांग्रेस की ओर से की जा रही प्रेशर पॉलिटिक्स के बीच आरजेडी ने अपनी सहयोगी कांग्रेस को बड़ा मैसेज दे दिया है.
चुनावी साल में राहुल बिहार में सक्रिय
दरअसल राहुल गांधी चुनावी साल में तीन बार बिहार आ गए. दलित समाज से आने वाले राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. युवा चेहरा कन्हैया कुमार को आगे किया गया. पलायन रोजगार को लेकर पदयात्रा कर रहे हैं. यह वैसे मुद्दे हैं जो तेजस्वी उठाते रहे हैं. ये आरजेडी का टॉप चुनावी मुद्दा है. पदयात्रा में राहुल खुद शामिल हुए. तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार कांग्रेस नहीं मान रही.
कांग्रेस लोकसभा चुनाव के अपने अच्छे स्ट्राइक रेट का हवाला दे रही है कि 9 सीटों पर लड़ 3 जीते. जबकि राजद 22 सीटों पर लड़ी 4 जीती. निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को अहमदाबाद में कांग्रेस की होने वाले अधिवेशन में शामिल होने के लिए न्यौता दिया गया. पप्पू यादव की कांग्रेस में एंट्री बिहार चुनाव को देखते हुए बड़ा फैसला माना जा रहा है. अब सवाल उठ रहा है कि इन सब के जरिए ज्यादा सीटों के लिए RJD पर कांग्रेस प्रेशर बना रही है?
क्या है प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का दावा?
इस बीच आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया है कि आरजेडी की तैयारी सभी 243 सीटों पर चल रही है. उसके बाद सहयोगी दलों को सीटें दी जाएंगी. हम सभी सीटों पर मजबूत रहेंगे तभी सहयोगी दलों को मदद कर पाएंगे. इस बयान से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को कांग्रेस के अधिवेशन में बुलाया जाना कांग्रेस पार्टी का मामला है. हमको इससे क्या मतलब?
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि रोजगार पलायन तेजस्वी का टॉप चुनावी मुद्दा है. इस मुद्दे को लेकर घर घर आरजेडी कार्यकर्ता जा रहे हैं. 2020 चुनाव में भी आरजेडी का यह मुद्दा था. तेजस्वी महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट हैं, इसमें किसी को कोई कंफ्यूजन नहीं रहना चाहिए.
वहीं इस बयान के बाद जेडीयू का भी कहना है कि बिहार में आरजेडी सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि राहुल गांधी के बिहार से जाते ही आरजेडी की दिल की बात जुबान पर आ गई. कांग्रेस को सीधा मैसेज आरजेडी ने दे दिया.
दरअसल कांग्रेस को बिहार में मजबूत होता आरजेडी नहीं देख सकती है. दोनों पार्टियों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद है. राहुल कल बिहार आए तो पटना में होते हुए भी उनकी अगुवानी तेजस्वी यादव नहीं किए. तेजस्वी को कन्हैया कुमार जैसे नेता महागठबंधन का सीएम कैंडिडेट मानने को तैयार नहीं हैं. राजद अकेले लड़ने का मन बना चुकी व शायद कांग्रेस भी यही करेगी.
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