बिहार में वोटर लिस्ट की गड़बड़ी के आरोप को लेकर विपक्ष संसद में अभी तक कई बार हंगामा कर चुका है. इसी क्रम में सोमवार (11 अगस्त) को विपक्षी दल के नेताओं ने दिल्ली में संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकालने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई अन्य सांसदों को हिरासत में ले लिया. अब दिल्ली में हुए विपक्ष के प्रदर्शन को लेकर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

पीके ने कहा, "जब करीब-करीब पूरा विपक्ष और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ सार्वजनिक तौर पर बात रखी है तो कम से कम चुनाव आयोग को जांच करके अपना पक्ष जनता के सामने रखना चाहिए. बात राहुल गांधी की नहीं है, वो विपक्ष के नेता हैं. पूरी प्रक्रिया अगर पारदर्शी नहीं होगी तो लोकतंत्र कहां बचेगा? अगर राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर... वोटर लिस्ट को लेकर... जो बात रखी है तो चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए." 

'लंबे समय तक चुनाव आयोग मुंह नहीं छुपा सकता'

प्रशांत किशोर ने कहा, "जहां तक मैंने आज देखा है तो वो (विपक्ष) लोग शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे. पुलिस ने रोका है. वहां की क्या स्थिति है मुझे मालूम नहीं है. विषय मार्च नहीं है, विषय है वोटर लिस्ट को लेकर… वोटिंग प्रक्रिया को लेकर… इतने बड़े पैमाने पर बात रखी गई है तो चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए. लोकतंत्र में ऑप्शन कभी बंद नहीं होता है. विपक्ष तो आवाज उठाता रहेगा. अंततः तो जनता मालिक है. जनता भी देख रही है. लंबे समय तक चुनाव आयोग मुंह नहीं छुपा सकता है. जवाब तो देना ही पड़ेगा." 

जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा कि दो दिन पहले अमित शाह आए थे. गृह मंत्री अमित शाह कह रहे थे कि बांग्लादेशी और नेपाल से घुसपैठिए आ गए. क्या गृह मंत्री यह कह रहे हैं कि केंद्र और राज्य में उनकी सरकार होते हुए घुसपैठिए आ गए और उन्होंने पेपर बवना लिए? उन्होंने वोटिंग लिस्ट में अपना नाम जुड़वा लिया? ये तो राहुल गांधी की बात को और बल देता है. राहुल गांधी भी तो यही कह रहे हैं.