पटना: कोरोना से लड़ते-लड़ते रघुवंश प्रसाद सिंह तो चले गए लेकिन अपने पीछे राजनीतिक दलों के लिए अपार चुनावी मुद्दे छोड़ गए. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों में रघुवंश बाबू ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के साथ-साथ सीएम नीतीश कुमार के नाम जो पत्र लिखा था, उसकी चर्चा खूब जोर पकड़ने लगी है.


जीतन राम मांझी के आवास के बाहर लगा पोस्टर


इसी क्रम में मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के सरकारी आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है. 'रघुवंश बाबू का अंतिम पत्र' इसी नाम के पोस्टर में बिना नाम लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके बेटों पर निशाना साधा गया है. पोस्टर में लिखा है कि अपने नकारा बेटों को स्थापित करने के लिए और कितनों की बलि लेंगे 'होटवार जेल सुप्रीमो'.


गलत करने वाले हो जाएं सचेत


जब इस मुद्दे पर हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि कोई मंशा नहीं है. जिस तरह आरजेडी परिवार ने रघुवंश प्रसाद सिंह के परिवार पर लांछन लगाया है, उसी तरह हम पोस्टर के जरिये पूरे बिहार में बताएंगे कि गलत करने वालों सचेत हो जाओ. अपने नकारा बेटों को राजनीति में स्थापित करने के लिए जिस तरह से वरिष्ठ नेताओं की बलि चढ़ाई जा रही है, हम इसके खिलाफ पूरे बिहार में घुमेंगे.


सुविधानुसार चिट्ठी का कर रहे इस्तेमाल


मालूम हो कि अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं. इसी मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने सुविधानुसार रघुवंश बाबू की चिट्ठी को जनता के बीच दिखा रही है. जहां एक तरफ आरजेडी को रघुवंश बाबू के विचारों को लेकर आगे बढ़ना होगा तो वहीं दूसरी तरफ आरजेडी के विरोधी चिट्ठी के जरिये आरजेडी को ही घेरते हुए दिखाई दे रहे हैं.


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