कैमूर: गंगा में शवों के बहने का मामला सामने आने के बाद योगी और नीतीश कुमार की सरकार आमने-सामने आ गई है. बक्सर के चौसा महादेवा घाट पर बरामद शवों को यूपी का बताए जाने और यूपी और बिहार के बीच गंगा में जाल बिछाए जाने के बाद अब योगी सरकार भी एक्शन में आ गई है. सरकार ने बिहार के शवों का यूपी में अंतिम संस्कार करने पर रोक लगा दिया है. 


बार्डर से पुलिस ने लौटाया वापस


मिली जानकारी अनुसार सोमवार की शाम से ही यूपी सरकार ने यूपी पुलिस को बिहार से आने वाले शवों को राज्य में प्रवेश नहीं देने का आदेश जारी कर दिया है. अब तक कैमूर जिले के बिहार-यूपी बॉर्डर से एक दर्जन से भी अधिक शव वाहन को लौटाया जा चुका है. 


 






इधर, यूपी सरकार के फैसले से नाराज कैमूर के लोगों ने कहा कि अगर बिहार के शवों का यूपी में सरकार दाह-संस्कार नहीं करने देगी, तो हम लोग यूपी वालों को बिहार के गया में पिंडदान भी नहीं करने देंगे. उन्हें भी बॉर्डर पर रोकेंगे. बिहार और यूपी दोनों जगहों पर एनडीए सरकार है, तो फिर ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है?


लंबे समय से चली आ रही है परंपरा


बता दें कि यूपी सरकार ने बॉर्डर इलाकों में चेकपोस्ट बनाकर विधिवत पुलिस की तैनाती कर दी है, जो शव वाहनों को एक-एक कर वापस लौटा रहे हैं. यूपी के अधिकारियों की मानें तो सोमवार की शाम ही इस बाबत सरकार द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है. इस आदेश के बाद कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद जिले के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.


ग्रामीण बताते हैं कि वे लंबे समय से यूपी में गंगा नदी के किनारे दाह संस्कार कर अस्थियां गंगा में विसर्जित करते आए हैं. यह परंपरा सदियों से ही चली आ रही है. उन्होंने ऐसा नियम कभी नहीं देखा. पहली बार ऐसा हो रहा है कि यूपी की पुलिस शव वाहन को वापस लौटा रही हो.


यूपी बॉर्डर पर तैनात पुलिस के जवानों का कहना है कि उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया है कि बिहार की तरफ से आ रहे किसी भी शव वाहन को यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया जाए. ऐसे में निर्देश का पालन कराया जा रहा है.


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