Bihar News:  बालू खनन से इंकार की वजह पर उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार (14 मई, 2025) को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अवैध खनन करने वाले यह लोग हैं. इन लोगों पर जांच करवा कर कार्रवाई करेंगे. बता दें कि 37 बालू घाटों को सरेंडर किया गया था. 


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लाल बालू के लिए 161 घाटों पर टेंडर प्रक्रिया के साथ खनन चल रहा है. इनमें 37 घाटों को सरेंडर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कि सरेंडर करने का कारण बोली की राशि ज्यादा लगी. उसके बावजूद यह लोग अवैध खनन करेंगे. ओवरलोडिंग बालू बेचेंगे. लेकिन इन लोगों को पता नहीं था कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग पूरी तरह विभाग ने प्रतिबंध कर दिया है. ऐसे में जिन लोगों को लगा कि पाबंदी से फायदा नहीं होगा तो खनन का लाइसेंस सरेंडर कर दिया.


खनन की अग्रिम राशि जब्त होगी-उपमुख्यमंत्री 


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खनन की अग्रिम राशि को जब्त किया जाएगा. साथ ही जांच करके कार्रवाई की जाएगी. खनन कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड भी किया जाएगा. सरकार के साथ किए गए समझौते को तोड़ना मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि बरसात के कारण15 जून से बालू घाट बंद किया जाता है. उससे पहले भंडारण की व्यवस्था की जाती है.


180 घाटों से लाल बालू की उपलब्धता बनी रहेगी


सरकार की योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए 15 जून बाद भी 180 घाटों से लाल बालू की उपलब्धता बनी रहेगी. जबकि सफेद बालू के लिए 18 घाट उपलब्ध रहेंगे. खनन मंत्री ने विभाग की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2024 -25 में लक्ष्य से ज्यादा 3569 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है. उन्होंने कहा कि लाल बालू के लिए पूरे बिहार में 457 घाट हैं जिसमें 161 घाट चालू हैं. जिन 37 घाटों को सेरेंडर किया गया है उनमें से 29 की नीलामी प्रक्रिया शुरू कराई जा चुकी है और 14 घाटों का नीलामी हो गया है.


मंत्री ने कहा कि शेड्यूल रेट पर बालू मिलता रहेगा. सरकार की परियोजनाओं में समय पर बालू उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के राजस्व को दूसरे राज्य में जाने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चर्चा कर रणनीति बनाई जा रही है.


उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बालू , पत्थर और मिट्टी की उपलब्धता में कोई विभाग कमजोरी ना दिखाए. खनन विभाग बालू ,गिट्टी और मिट्टी को उपलब्ध कराने में हमेशा सक्षम है. बिहार में बालू खनन का टेंडर के लिए आपाधापी की स्थिति बनी रहती है. बालू व्यापारी टेंडर लेने के लिए पैरवी का भी सहारा लेते हैं. वर्तमान समय में अब मामला अलग दिख रहा है. 


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