पटना: बिहार में जानलेवा कोरोना वायरस से हो रही मौतों के गलत आंकड़े दर्ज करने का मामला सामने आया है. इसको लेकर विपक्ष की ओर से नीतीश सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं. बिहार में कोरोना से मौत का आंकड़ा अचानक 73 फीसदी तक बढ़ गया है. सात जून तक मौत का कुल आंकड़ा 5424 बताया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 9375 कर दिया गया है.


एक दिन में मौत का आंकड़ा 3951 बढ़ा


यानी एक दिन में मौत का आंकड़ा 3951 बढ़ा दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कई लोगों की मौत घर में आईसोलेशन के दौरान हो गई. कुछ की मौत घर से अस्पताल जाते वक्त हो गई और कई लोगों की कोरोना से ठीक होने के बाद भी हुई है. जांच होने के बाद ऐसे कई मामलों को जोड़ा गया है.


सत्यापन के बाद पटना में सबसे अधिक 1070 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं. इसके बाद बेगूसराय में 316, मुजफ्फरपुर में 314 और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक नालंदा में 222 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं.


दूसरी लहर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 8,000 के करीब


ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 8,000 के करीब है और अप्रैल से मरने वालों की संख्या में लगभग छह गुना वृद्धि हुई है. बिहार में कोरोना से प्रदेश की राजधानी पटना में कुल 2303 मौतें हुईं हैं जबकि मुजफ्फरपुर जिला 609 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है.


पिछले साल कोरोना महामारी की शुरूआत होने से लेकर राज्य में इस रोग से अबतक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढकर 715179 हो गयी, जिनमें से पांच लाख से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में पिछले कुछ महीनों में आए हैं.


हाई कोर्ट ने मौत के आंकड़ों की सही गिनती करने को कहा था


बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने पिछले महीने सरकार से कोरोना से मौत के आंकड़ों की सही गिनती करने को कहा था. इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी, इसके बाद से आंकड़ों में बदलाव देखा जा रहा है.


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