एनडीए गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है. बीजेपी और जेडीयू को 101-101 तो वहीं चिराग पासवान को 29 सीटें मिली हैं. इसके अलावा जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 6-6 सीटें दी गई हैं. हालांकि इस फॉर्मूला से एनडीए गठबंधन में नाराजगी है. एनडीए के अंदरखाने से जुड़ी खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 सीटें ऐसी हैं जिसके बंटवारे से असंतुष्ट हैं. 

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जेडीयू ने इन सीटों को लेकर बीजेपी से पुनर्विचार की मांग की है. विवाद को शांत करने के लिए अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खुद पटना आने की संभावना है. वे नीतीश कुमार से मिलकर मामले को सुलझा सकते हैं. सूत्रों के अनुसार अमित शाह आज (मंगलवार) पटना पहुंच सकते हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है.

101 में 9 सीटों से खुश नहीं हैं नीतीश कुमार

सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार ने पहले ही जेडीयू के लिए 103 सीटों को फाइनल किया था, लेकिन एनडीए में बंटवारे के दौरान पार्टी को केवल 101 सीटें मिलीं. इनमें से 9 सीटें ऐसी हैं जिन्हें मुख्यमंत्री ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. यानी इन 9 सीटों से वे खुश नहीं है. बताया जाता है कि इनमें से कई सीटें पहले लोजपा (रामविलास) के खाते में दी गई थीं, जिससे जेडीयू असंतुष्ट है.

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खबर है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि जिन इलाकों से उनकी पार्टी परंपरागत रूप से मजबूत रही है, वहां से उम्मीदवार वही पार्टी उतारे. इस विवाद के बाद जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा के आवास पर देर रात बीजेपी और जेडीयू के नेताओं की मैराथन बैठक हुई. अंदरखाने चल रही चर्चाओं के अनुसार, नीतीश कुमार ने अपने नेताओं को बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से सीधे बातचीत करने का निर्देश दिया है. 

इस बीच सोनबरसा विधानसभा सीट का मामला सुर्खियों में है. यहां से जेडीयू विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है, जबकि इस सीट को पहले एनडीए की साझा लिस्ट में लोजपा रामविलास के खाते में बताया जा रहा था. नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर यह साफ संदेश दिया कि जेडीयू अपने निर्णयों पर अडिग है. रत्नेश सदा आज (मंगलवार) नामांकन दाखिल करेंगे.