गया: बिहार के गया जिले में कोरोना संक्रमण बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है. रोजाना सैकड़ों नए मरीज सामने आ रहे हैं. लोगों की जान जा रही है. गंभीर मरीजों के लिए निजी और सरकारी अस्पताल में व्यवस्था है, लेकिन जो लोग होम आइसोलेशन में हैं, उन्हें काफी परेशानी हो रही है. चूंकि, कोरोना मरीजों की हालत बिगड़ने पर उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. लेकिन सरकारी प्रक्रिया के तहत ऑक्सीजन लेना काफी मुश्किल है. प्रक्रिया लंबी होने की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 


मदद को सामने आए दस देश के लोग


इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए अब 10 देश के लोग भारत की मदद के लिए सामने आए हैं. बोधगया की एक निजी संस्था से जुड़े फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, यूएसए सहित 10 देशों के लोगों ने कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने का जिम्मा लिया है. अभी फिलहाल 50 ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए गए हैं, जिसका खर्च विदेशी बौद्ध धर्मावलंबी उठा रहे हैं.


संस्था के निदेशक विवेक कुमार कल्याण ने इस बाबत एक नियंत्रण कक्ष बनाया है, जहां मरीजों के परिजनों को डॉक्टर का पुर्जा और आधार कार्ड लेकर आने पर तुरंत ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराई जा रही है. मरीज सिलेंडर स्टॉक न कर लें, इसलिए उनसे सिक्योरिटी मनी भी ली जाती है. ताकि वो समय पर सिलेंडर को वापस करें. ऐसा करने के बाद जमा सिक्योरिटी मनी को वापस कर दिया जाता है.


200 से अधिक मरीजों को पहुंचाई गई है मदद


संस्था के निदेशक विवेक कुमार कल्याण ने बताया कि यूएसए की सिस्टर ब्लू लोटस, इंटरनेशनल वियतनामी बुद्धिष्ट कम्युनिटी, मलेशिया की क्रिस्टल लाव, थाइलैंड के रोबर्ट, यूएसए की केरी थिंक मिन, चीन के जेम्स चाओ, वियतनाम के केटली सहित अलग-अलग कुल 10 देशों के बौद्ध धर्मावलम्बी मदद के लिए आगे आए हैं. अब तक 200 से अधिक मरीजों को मदद पहुंचाई जा चुकी है. वहीं, प्रतिदिन 20 से 30 लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है.


ऑक्सीजन लेने पहुंचे परिजनों ने बताया कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद डॉक्युमेंट जमा कर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर जा रहे हैं.


यह भी पढ़ें - 


पति को खोने के बाद फूट-फूटकर रोई महिला, कहा- 'जल्लाद हैं सारे, बाबू को बिना ऑक्सीजन के मार डाला'


महिला की मौत के बाद शव को सड़क पर छोड़ कर भागा ऑटो चालक, अकेला पति मदद की देखता रहा राह