BPSC Students Movement: पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर बीपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन अब उग्र रूप ले चुका है. 13 दिसंबर 2024 को हुई बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द कर री-एग्जाम की मांग को लेकर छात्र दो महीने से संघर्षरत हैं. सोमवार को इस आंदोलन को नई धार देने के लिए चर्चित शिक्षक ख़ान सर (Khan Sir) छात्रों के बीच पहुंचे. मंच से ख़ान सर ने सरकार को सीधी चुनौती देते हुए कहा, 'पुष्पा नहीं हैं बिहारी लोग'. पुष्पा कहता है ‘झुकेगा नहीं’, लेकिन बिहारी कहते हैं ‘झुका के रहेंगे’! इस बीच 'मनुभाई हाय-हाय!' के नारों से गर्दनीबाग गूंजता रहा. 
 
प्रदर्शनकारियों ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अध्यक्ष मनु भाई परमार के खिलाफ़ ज़ोरदार नारेबाज़ी की. धरना स्थल पर हजारों छात्र-छात्राओं की भीड़ 'मनुभाई हाय-हाय!' के नारे लगाकर अपना आक्रोश प्रकट कर रही थी. खान सर ने कहा, 'गया और नवादा की ट्रेजरी की जांच कीजिए. परीक्षा में गड़बड़ी की इतनी शिकायतों के बावजूद सरकार अगर अब भी नहीं सुन रही, तो इसे बहरा घोषित कर देना चाहिए.' उन्होंने चेतावनी दी कि गली-गली बताया जाएगा कि यह सरकार हमारे भविष्य पर थूक रही है! 
 
क्या है छात्रों की चार प्रमुख मांगें?  
 
1. री-एग्जाम हो 
 2. बीपीएससी अध्यक्ष मनु भाई परमार इस्तीफा दें 
 3. भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए 
 4. लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मी माफ़ी मांगें 
 
 ख़ान सर ने सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ किया गया यह खिलवाड़ असहनीय है. उन्होंने महिला अभ्यर्थियों से अपील की. “लड़कियों ने राखी बांधी है, यह कर्ज़ है भाई पर बहन का. याद रखना, दहेज की गाड़ी नहीं, सरकारी गाड़ी चाहिए! 
 
'री-एग्जाम के बाद बताशा खिलाएंगे!'
 
गर्दनीबाग में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं जुट चुके हैं और पूरे पटना से युवा इस विरोध में शामिल हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे री-एग्जाम लेकर ही दम लेंगे! सरकार के खिलाफ इस जबरदस्त आक्रोश और एकजुटता को देखकर यह साफ है कि जब तक बीपीएससी परीक्षा दोबारा नहीं होती, यह आंदोलन और तेज़ होता रहेगा.