पटना: बिहार में विधानसभा का नया स्पीकर कौन होगा, इसको लेकर तस्वीर कल यानि बुधवार दोपहर तक साफ हो जाएगी. दरअसल बिहार में हाल ही में नई सरकार के गठन के बाद अब स्पीकर का चुनाव होना है. स्पीकर के नामांकन की प्रक्रिया आज दोपहर 12 बजे तक होनी है. स्पीकर पद पर किसकी दावेदारी होगी इसके लिए कल तक इंतजार करना होगा कि ये पद एनडीए के कोटे में जाएगा या महागठबंधन के कोटे में.
बताते चलें कि एनडीए की तरफ से स्पीकर की रेस में पूर्व मंत्री और बीजेपी के विधायक विजय सिन्हा सबसे आगे चल रहे हैं. विजय सिन्हा बिहार में बीजेपी के बड़े नेता माने जाते हैं. सिन्हा नीतीश कुमार की पिछली सरकार में श्रम मंत्री थे. वो लखीसराय से लगातार तीसरी बार बीजेपी के विधायक चुने गए हैं. सिन्हा भूमिहार समाज से आते हैं जो कि पिछले स्पीकर की जाति से भी मिल रहा है. बिहार में पिछली बार स्पीकर की सीट जेडीयू के खाते में थी और भूमिहार समाज से आने वाले विजय चौधरी स्पीकर बने थे.
लेकिन अब इनकी दावेदारी पर संशय बरकरार है क्योंकि महागठबंधन ने इस पद पर अपना दावेदार उतार दिया है. महागठबंधन की ओर से इस पद की दावेदारी करेंगें अवध बिहारी चौधरी.जो 5वीं बार सिवान से विधायक हैं और राबड़ी सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं.इनकी दावेदारी पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुहर लगा दी है.अब से थोड़ी देर पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि महागठबंधन अपने उम्मीदवार को स्पीकर के नामांकन के लिए उतारेगी अथवा नहीं, ऐसे में गठबंधन का नामांकन नहीं होने पर सर्वसम्मति से ही स्पीकर का चुनाव कर लिया जाएगा.लेकिन अब महागठबंधन की दावेदारी के बाद ये रोचक हो गया है कि स्पीकर का पद किसके खाते में जाएगा. आज नामांकन के बाद कल यानि बुधवार को वोटिंग के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि विधान सभा अध्यक्ष एनडीए कोटे से होंगे या महागठबंधन के कोटे से.



तेजस्वी यादव ने कही ये बातें



तेजस्वी यादव ने स्पीकर पद की दावेदारी पर कहा कि महा गठबंधन ने यह फैसला लिया है कि हमारे गठबंधन में जो सबसे अनुभवी रहे हैं अवध बिहारी चौधरी. उन्हें हम लोगों ने विधान सभा अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाया है. हमें उम्मीद की यहां हमारी जीत होगी. ये पद बहुत खास होता है, सदन को चलाने की जिम्मेदारी होती है स्पीकर पर,जिसके लिये ये उपयुक्त और उपयोगी उम्मीदवार है. हमें उम्मीद है की हम लोग कल जीत जायेंगे. सभी दल से बात चल रही है. परम्परा अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति की रही है मगर पिछ्ली बात डिप्टी स्पीकर का पद हम लोगों ने सरकार से कहा था विपक्ष को मिले मगर हमारी बात नही मानी गई तो अब तो यही परम्परा है.
अब इंतजार कल का है कि स्पीकर के पद पर किसकी दावेदारी सफल रहती है.