पटना: बिहार में एनडीए की सरकार गठन के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार बने लेकिन उपमुख्यमंत्री का पद के दोनों दावेदार पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग से चुने गए. इसको लेकर सवर्णों में नाराजगी की आशंका को देखते हुए अभी भी बिहार विधानसभा में स्पीकर पद पर संशय बरकरार है.


सूत्रों की मानें तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय सिन्हा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष हो सकते हैं इसको लेकर कयास जारी हैं. खबर तो ये भी है कि उनके नाम पर लगभग सहमति भी बन चुकी है अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो हो सकता है कल यानी 25 नवंबर को वो स्पीकर पद की शपथ भी ले सकते हैं.वैसे विजय सिन्हा के साथ दो और नामों की चर्चा हो रही है जिनमें नीतीश मिश्रा और विनोद नारायण झा इनके नाम सामने आ रहे हैं.


सामाजिक समीकरण को लेकर उनके नाम पर पार्टी विचार कर रही है. विजय सिन्हा बिहार के पिछली सरकार में मंत्री थे. वहीं विनोद नारायण झा और नीतीश मिश्रा भी मंत्री रह चुके हैं. पार्टी ने पिछले दिनों नंदकिशोर यादव के नाम विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए तय किया था. लेकिन जातिगत समीकरण की वजह से पार्टी उनकी जगह नए नाम पर पुनर्विचार कर रही है.


पार्टी उप मुख्यमंत्री के दोनों पद में पिछड़ा, अति पिछड़ा के देने के बाद विधानसभा पद पर भी पिछड़ी जाति को ही देने में एक बार संकोच कर रही है. सवर्णों की नाराजगी का खतरा उठाने से पार्टी डर रही है क्योंकि सवर्ण जाति भाजपा के आधार और परंपरागत वोटर रहे हैं.


विधान परिषद के कार्यकारी सभापति के पद पर राजपूत जाति की शख्सियत के होने से पार्टी विधानसभा अध्यक्ष के लिए भी भूमिहार या मैथिल ब्राह्मण के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है मंत्रिमंडल में मैथिली ब्राह्मण भी शामिल नहीं किए गए हैं हालांकि मंत्रिमंडल के विस्तार में मैथिल ब्राह्मण को स्थान मिलना पहले से ही तय था ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष को लेकर पार्टी ने समीकरण पर गंभीरता से मंथन कर रही है.


हालांकि विपक्ष स्पीकर पद पर आज अपनी रणनीति तय करेगी. इस बात को लेकर महागठबंधन की मानें तो एनडीए के स्पीकर उम्मीदवार को देखकर उम्मीदवार उतारने या ना उतारने पर फैसला लिया जाएगा. इसको लेकर आज घटक दलों के साथ बैठक भी होने की संभावना है हालांकि अब तक जो नाम सामने आए हैं उनमें सबसे पहले और सबसे ज्यादा चर्चे में विजय सिन्हा हीं आगे हैं, उनके बाद विनोद नारायण झा और नीतीश मिश्रा के भी नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं.