सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) के हटियागाछी शाखा में लोन मुहैया कराने के नाम पर तकरीबन आठ करोड़ अस्सी लाख रुपये के ऋण घोटाले का मामला सामने आया है. जानकारी अनुसार सुलीनदाब गांव के करीब आठ सौ से अधिक लोगों से आधार कार्ड और फोटो लिया गया, जिसके बाद बिचौलियों द्वारा उनके नाम से जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के हटियागाछी शाखा से फर्जी तरीके से लोन पास कराया गया. इसके बाद बिचौलिये और तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने मिलकर करोड़ों की राशि का बन्दरबांट कर लिया. मामला वर्ष 2016-17 का है. 


लोन की बात से अंजान थे लोग 


इधर, गांव के लोगों को पता भी नहीं था कि उनके नाम पर लोन की राशि उठा ली गई है. इस फर्जीवाड़े का शिकार सबसे ज्यादा महादलित परिवार के लोग हुए हैं, जिनके पास रहने के लिए न तो घर है, न ही अपनी जमीन है. इनमें ज्यादातर लोग भूमिहीन हैं, जिनके नाम से जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर लोन पास कराया है. मामले का खुलासा उस समय हुआ जब करीब चार वर्ष के बाद उन्हें बैंक का नोटिस मिला और सभी को लोक अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा गया.


बैंक की ओर से प्रत्येक लोन धारक को ब्याज के साथ एक लाख से अधिक बकाया रुपए का नोटिस भेजा गया, जिसके बाद हड़कंप मच गया है. पीड़ितों की मानें तो सरकारी योजना के तहत 20 हजार रुपये की अनुदान राशि देने के लिए स्थानीय बिचौलिये बाना ठाकुर और अन्य सहयोगियों ने सैकड़ों लोगों से कागजात पर अंगूठा लगवाया था. लेकिन इन्हें लोन नहीं दिया गया.


लोन नहीं मिलने के बाद निराश थे ग्रामीण


उन्होंने बताया कि काफी दौड़ने के बाद भी जब उन्हें लोन के पैसे नहीं मिले तो उन्होंने बैंक जाना छोड़ दिया. इसी दौरान फर्जीवाड़ा कर सभी लोगों के नाम पर लोन पास कर पैसों की निकासी कर की गई. अब पीड़ित फर्जी लोन से निजात दिलाने की मांग को लेकर लोक अदालत में जज और जिले के अधिकारियों के सामने गुहार लगा रहे हैं. 


इसी दौरान कुछ लोगों की नजर बिचौलिये बाना ठाकुर पर पड़ी, जिसे पकड़ कर लोक अदालत में पेश किया गया. इस दौरान मौके पर मौजूद अधिकारियों के निर्देश पर बिचौलिये को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इस मामले में पुलिस ने सदर थाना में तत्कालीन बैंक मैनेजर और उसके सहयोगियों पर मामला दर्ज कर करवाई शुरू कर दी है. गिरफ्तार बिचौलिये को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.


जिलाधिकारी ने की ये अपील


इस बाबत जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि लोक अदालत में सुलीनदाब के 800 लोगों के साथ लोन दिलाने के नाम पर तकरीबन आठ करोड़ से अधिक रुपए के फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया. मामले की जांच कराई गई, जो सही पाया गया. इस मामले को SLBC के मीटिंग में उठाया गया है. फर्जीवाड़े मामले में यूनियन बैंक के वरीय अधिकारियों से बात कर तत्कालीन बैंक मैनेजर पर जांच कर कार्रवाई के लिए आग्रह किया गया है. साथ ही फर्जी लोन माफ करने को कहा गया है.



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