पटनाः बिहार में बेची हुई जमीन भी उसके मालिक से वापस ले ली जाएगी अगर वो मठ या मंदिर से जुड़ी हुई है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय (Ram Surat Rai) ने यह एलान किया है. उन्होंने कहा कि मठ-मंदिर की जमीन के मालिक वहां के भगवान ही होंगे. वहां की जमीन महंत या सेवादार के नाम से नहीं होगी. इसको लेकर कानून भी बनाया जा रहा है. विधान परिषद में राजस्व एवं भूमि सुधार के बजट के संदर्भ में चल रही बहस के दौरान सोमवार को उन्होंने यह बात कही. 


'मठ-मंदिरों की जमीन पर सिर्फ धार्मिक काम'
राम सूरत राय ने कहा कि प्रदेश में मठ-मंदिर की साढ़े 29 हजार एकड़ जमीन में जो भी जमीन अभी अतिक्रमण में है,उसे मुक्त कराने के लिए राजस्व एवं विधि विभाग मिल कर काम कर रहे हैं. मठ-मंदिर की जमीन का स्वामित्व अब केवल मंदिर विशेष के इष्ट देव के नाम होगा. मठ-मंदिरों के साथ वक्फ बोर्ड की जमीन भी सरकार देखेगी. उन्होंने कहा कि यह भी व्यवस्था होने जा रहा है कि मठ-मंदिरों की जमीन पर सिर्फ धार्मिक काम होगा. दूसरे काम के लिए वहां की जमीन को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.


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'राज्य सरकार करा रही फ्रेश सर्वे सेटलमेंट'
सोमवार को ही विधान परिषद में सीएम नीतीश कुमार ने फ्रेश सेटलमेंट की बात कही. उन्होंने कहा कि सर्वे सेटलमेंट का काम पूरा होगा इसके बाद भूमि विवाद के मामले कम होंगे. इसके लिए राज्य सरकार फ्रेश सर्वे सेटलमेंट (Fresh Survey Settlement) करा रही है. नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के बजट पर वाद-विवाद के दौरान आरजेडी के सदस्य रामचंद्र पूर्वे के सुझाव पर यह बातें कहीं. 


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