सुपौल: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. ऐसे में शराब बेचना, पीना और पिलाना सभी अपराध की श्रेणी में आते हैं. कानून को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसी क्रम में बिहार के सुपौल जिले में बुधवार को शराब के अवैध कारोबार में संलिप्त तस्कर को दोषी करार करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद इसरार अहमद की कोर्ट ने 10 वर्ष सजा और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.


बाइक चेकिंग अभियान के दौरान किया था गिरफ्तार


बता दें कि मामला राघोपुर थाना से संबंधित है. दरअसल, 2017 राघोपुर पुलिस ने बाइक चेकिंग के दौरान अररिया जिले के फुलकाहा थाना क्षेत्र के मदुरा निवासी रोशन कुमार पासवान को 120 बोतल नेपाली शराब के साथ पकड़ा था. इस मामले में राघोपुर थाना में पदस्थापित एएसआई वाल्मीकि प्रसाद यादव ने कहा था कि 14 अक्टूबर, 2017 को वे अन्य पुलिस बलों के साथ संध्या गश्ती को निकले थे.


उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि फुलकाहा की तरफ से एक बिना नंबर की बाइक पर शराब ले जाया जा रहा है. सूचना के आलोक में कार्रवाई की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. तीन साल बाद मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने रोशन कुमार पासवान को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने मद्य-निषेध एवं उत्पाद अधिनियम की धारा 30 (अ) के तहत 10 वर्ष की सजा और 1 लाख अर्थदंड और धारा 38 (1) के तहत 8 वर्ष कारावास और 1 लाख अर्थदंड की सजा सुनाई है.


कोर्ट ने अपने फैसले में कही ये बात 


कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अर्थदंड की दोनों राशि नहीं देने पर छह-छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी और पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि सजा में समाहित होगी. इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी अशोक कुमार त्रिपाठी और बचाव पक्ष की ओर से दिगंबर चौधरी ने बहस में हिस्सा लिया.


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