पटना: बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के विधायकों ने जो उपद्रव मचाया उसकी गूंज बुधवार को लोकसभा में भी सुनाई पड़ी. बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस मुद्दे को संसद में उठाते हुए कहा कि सदन में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार होता है. सत्ता दल और विपक्ष आपस में विवाद और बहस भी करते हैं, लेकिन कभी भी आसन पर कोई बात नहीं होती है और ये मामला बिहार विधानसभा अध्यक्ष से जुड़ा हुआ है, इसलिए यहां पर उठाने के लिए मैं मजबूर भी हूं.


विधानसभा अध्यक्ष को उसके कमरे में किया बंद


उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी ऐसा नहीं हुआ है कि विधानसभा अध्यक्ष को उसके कमरे में बंद कर दिया जाए. उसके दरवाजे पर रस्सी बांध दी जाए और सारे लोग घेर लें. उन्होंने बताया कि बार-बार घोषणा हो रही थी कि विधानसभा में विधानसभा कार्यवाही के लिए स्पीकर आएं, लेकिन उनको जाने नहीं दिया गया और तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गई.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिल पर विरोध करने का सभी को अधिकार है, पर आज तक भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में कभी भी ऐसा नहीं हुआ था कि विधानसभा के अध्यक्ष को उसके कमरे में बंधक बना दिया गया हो. आरोपी विधायकों पर कारवाई करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष से अपील करना चाहूंगा कि सभी विधानसभा अध्यक्षों की बैठक बुलाएं और जो भी विधायक इस तरह के कार्य में संलिप्त है, जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को बंधक बनाने का काम किया है, उन सभी पर कार्रवाई की जाए और विधायकी से निष्कासित किया जाए.


सांसद राम कृपाल यादव ने कही ये बात 


इधर, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री और पाटलीपुत्र के बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कहा, " मेरे सार्वजनिक जीवन 45 वर्ष का हो गया है. लम्बे समय से मैं संसदीय जीवन में हूं. मैंने आज तक किसी भी सदन में विपक्ष को ऐसी हरकत करते नहीं देखा है. सदन में विभिन्न पार्टियों के लोग अपनी बात को रखते हैं. लोकतंत्र में सबको अधिकार है, बिल का विरोध करने का. बिल में कुछ है भी नहीं, केवल नाम का परिवर्तन किया जा रहा है."


उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जिस तरह से हंगामा खड़ा करने का काम किया है, उससे लोकतंत्र शर्मसार हुआ है. स्पीकर को 3 घंटे तक बंदी बना कर रखा गया. आसन पर हमला किया गया. विरोध करने का ये तरीका सही नहीं है. लोकतंत्र में सदन में किसी भी विषय पर वाद-विवाद होती है, चर्चा होती है न कि सदन में हमला होता है. इस सदन के माध्यम से बिहार विधानसभा के स्पीकर से मांग करता हूं कि कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की दोबारा न हो.


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