खगड़िया: सुल्तानगंज में गंगा नदी पर बन रहा पुल गिर (Bhagalpur Bridge Collapse) जाने के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. इसको लेकर बीजेपी नीतीश सरकार को घेर रही है. वहीं, सोमवार को नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा घटनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो कंपनी इस पुल का निर्माण कर रही थी, उसको ब्लैक लिस्ट करने के बजाए महागठबंधन सरकार ने उस कंपनी को पूरे बिहार के सभी बड़े प्रोजेक्ट का ठेका दे दिया. महागठबंधन सरकार को इस कंपनी से फंड मिलता है. पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी इस्तीफा दें. नीतीश-तेजस्वी कमीशन इस कंपनी से लेते हैं 


'सीबीआई या हाईकोर्ट के सीटिंग जज से जांच होनी चाहिए'


विजय सिन्हा वहां हाथ में ईंट पत्थर लेकर मीडिया को दिखाते हुए बोले कि किस तरह घटिया सामग्री का इस्तेमाल पुल निर्माण में हो रहा था. सीबीआई या हाईकोर्ट के सीटिंग जज से इसकी जांच होनी चाहिए. जब पुल 2015 में बना तब तेजस्वी ही पथ निर्माण मंत्री थे, जब यह पुल अब गिरा तब भी तेजस्वी ही इस विभाग के मंत्री हैं.


दोनों अलग-अलग बात बोलकर गुमराह कर रहे हैं- विजय सिन्हा 


आगे नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक तरफ सीएम नीतीश कुमार कहते हैं कि ठीक से काम नहीं हुआ इसलिए पुल गिरा. जांच होगी. दूसरी तरफ तेजस्वी कहते हैं कि पथ निर्माण मंत्री होने के नाते वह विशेषज्ञों से राय लिये थे तो उनको कहा गया था कि पुल निर्माण में खामी है. कुछ हिस्सों को गिराना पड़ेगा. पुल गिरने के बाद दोनों अलग-अलग बात बोलकर गुमराह कर रहे हैं.


महागठबंधन सरकार पर साधा निशाना


बीजेपी नेता ने कहा कि 1711 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पुल मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. हालांकि इस पुल निर्माण के लिए आठ डेट लाइन तय किया जा चुका है. इस पुल का शिलान्यास 2014 में और कार्यारंभ 2016 में ही हो गया था, उस समय महागठबंधन की सरकार ही थी और यह तो सर्वविदित है कि महागठबंधन की सरकार में योजनाओं में विकास का कार्य कितना और भ्रष्टाचार कितना होता है.


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