Haryana Steelers: 2017 में प्रो कबड्डी लीग (PKL) से जुड़ने वाली टीम हरियाणा स्टीलर्स अब तक एक भी बार खिताब के करीब नहीं पहुंच पाई है. लीग का नौवां सीजन 7 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. एक बार फिर से हरियाणा की टीम खिताब जीतने के लिए जोर लगाएगी. इस बार हरियाणा की टीम काफी नई है और टीम में युवा खिलाड़ियों की संख्या अधिक है. हरियाणा ने पिछले साल दबंग दिल्ली के साथ चैंपियन बनने वाले अनुभवी खिलाड़ी जोगिंदर नरवाल को भी टीम में शामिल किया है. आइए जानते हैं इस साल के लिए हरियाणा की टीम की क्या होंगी मजबूती और क्या होंगी उनकी कमजोरियां. 


संतुलित दिख रही है हरियाणा की रेडिंग


पिछले सीजन अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा रेडर मीतू, विनय और राकेश नरवाल को रिटेन किया गया है. इसके अलावा के प्रपंजन को हरियाणा ने इस सीजन अपने साथ जोड़ा है. कुल मिलाकर टीम में नौ रेडर्स मौजूद हैं और इनमें से 4-5 तो ऐसे हैं जिनके पास लीग में खेलने का अच्छा अनुभव है. विकास कंडोला के जाने के बावजूद हरियाणा की रेडिंग काफी संतुलित और मजबूत दिखाई दे रही है.


डिफेंस में दिख रही अनुभवी खिलाड़ियों की कमी


पिछले सीजन के तीसरे सबसे अधिक टैकल प्वाइंट लेने वाले डिफेंडर जयदीप को हरियाणा ने रिटेन किया था. अब टीम में जोगिंदर जैसा एक काफी सीनियर खिलाड़ी भी मौजूद है और इसका फायदा उन्हें जरूर मिलने वाला है. हालांकि, इन दो खिलाड़ियों को अगर छोड़ दिया जाए तो टीम में अनुभवी डिफेंडर्स की कमी साफ दिखाई पड़ती है. सीजन के बीच में हरियाणा को डिफेंस की ये कमजोरी भारी पड़ सकती है.


टीम में है केवल एक ऑलराउंडर


हरियाणा ने नीलामी में अपना पूरा जोर रेडर्स और डिफेंडर्स पर ही लगाया था और उन्होंने ऑलराउंडर खिलाड़ियों को खरीदने की जरूरत नहीं समझी. ऑलराउंडर के रूप में हरियाणा के पास नितिन रावल इकलौते खिलाड़ी हैं. नितिन का अब तक का करियर मिलाजुला रहा है और उन्होंने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है. अच्छे ऑलराउंडर की कमी भी हरियाणा के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है.


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