Alastair Cook on England Match Practice: इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज एलेस्टर कुक ने भारत दौरे पर अपनी टीम को लेकर एक चिंता जताई है. उनके मुताबिक, भारत में टेस्ट सीरीज से पहले अभ्यास मुकाबले न खेलना, इंग्लैंड के लिए थोड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट बोर्ड्स को आपस में इस बात पर समझौता करना चाहिए कि मेहमान टीमों के लिए अच्छी पिचों पर अभ्यास मैच आयोजित कराए जाएं.


इंग्लैंड की टीम ने इस बार भारत में अभ्यास मैच खेलने के बजाय ट्रेनिंग कैंप में पसीना बहाना पसंद किया. अभ्यास मुकाबले न खेलने का यह फैसला इसलिए हुआ क्योंकि हाल के कुछ सालों में अकसर यह देखा गया है कि जब भी कोई टीम टेस्ट दौरे के लिए कहीं जाती है तो मेजबान बोर्ड उन्हें उस तरह की पिच मुहैया नहीं कराता, जिस तरह की विकटों पर टेस्ट मैच खेले जाने हैं. ऐसे में अभ्यास मुकाबलों का कोई महत्व नहीं रह जाता.


इस मामले पर एलेस्टर कुक ने "संडे टाइम्स" के लिए अपने एक लेख में लिखा है, 'समस्या यह है कि इंग्लैंड की टीम की तैयारियां पूरी नहीं होगी. अच्छा होगा अगर देशों के बीच कुछ इस तरह का एग्रीमेंट हो कि मेहमान टीमों के अभ्यास मुकाबलों में अच्छी पिचें मुहैया कराई जाएं.' इंग्लैंड ने जब 2012-13 में भारतीय मैदानों पर टेस्ट सीरीज जीती थी, तब सीरीज के पहले इंग्लिश टीम ने तीन अभ्यास मुकाबले खेले थे.


'भारत में एक बल्लेबाज के लिए शुरुआती 30 गेंदें अहम'
एलेस्टर कुक ने यहां इंग्लैंड की बैजबॉल शैली पर भी लिखा. वह भारत दौरे पर भी इंग्लैंड की इस खेल शैली के प्रति आशान्वित नजर आए. उन्होंने लिखा, 'मैं अब सोचता हूं कि यह (बैजबॉल) सफलता का अच्छा मौका बनाती है. इंग्लैंड टीम भारतीय उपमहाद्वीप में बल्लेबाजी के पारंपरिक नियमों को नहीं मानेंगे.' इसी के साथ कूक ने यह भी लिखा कि भारतीय पिचों पर एक बल्लेबाज के लिए शुरुआती 30 गेंद सबसे अहम होती है. यही गेंदें उन्हें पिच को परखने और आगे बड़ी पारी खेलने का अभ्यास कराती हैं.


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