Yogini On Himalaya: हिमालय पर रहती हैं 64 रहस्यमयी योगिनियां, तस्वीरों में देखें आखिर किन चमत्कारी शक्तियों के लिए करती हैं मां काली की साधना
हालांकि ऐसा नहीं है कि केवल सतयुग में ही आदिशक्ति की कठोर तपस्या हुई है. बल्कि आज भी ऐसी महिला संत हैं जो हिमालय की गगन चुंबी चोटियों के बीच पहाड़ की हाड़ कंपाने वाली ठंड और लगातार बर्फबारी के बीच भी शक्ति की साधना करती हैं.
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View In Appइन्हें सामान्य भाषा में योगिनी कहा जाता है. खास तौर पर उत्तराखंड और हिमाचल की पहाड़ियों में पर्वतों के ऊंचे स्थानों पर जहां आमजन नहीं पहुंचते, वहां काफी शांति होती है. ऐसी जगहों पर पुरुष संतों की तरह ही कई महिलाएं शक्ति की साधना में लीन रहती हैं.
ऐसी ही एक साध्वी दुर्गा हैं जो हिमाचल की पहाड़ियों पर योग साधना करती हैं. वह 64 योगिनियों के बारे में भी बताती हैं.
साध्वी दुर्गा कहती हैं कि खुद महाकाली ने हीं 64 योगिनियों का रूप धारण किया था. उन्हीं शक्तियों को तंत्र साधना के जरिए हासिल की जाती है. मुख्य रूप से योगिनियां अष्ट योगिनी तथा चौसठ योगिनी के नाम से जानी जाती हैं, जो अपने गुणों तथा स्वभाव से भिन्न-भिन्न रूप धारण करती हैं.
पहाड़ की ऊंची चोटियों पर महिला संतों की इस साधना से देवी शक्तियों की सिद्धि के साथ ही तंत्र मंत्र, मारण, हरण और मोहिनी शक्ति भी हासिल होती है.
समस्त योगिनियों का संबंध आदि शक्ति काली के कुल से है. घोर नामक दैत्य से साथ युद्ध के समय आदि शक्ति काली ने ही समस्त योगिनियों के रूप में अवतार लिया था.
महा विद्याएं, सिद्ध विद्याएं भी योगनियों की ही श्रेणी में आती हैं. ये भी आद्या शक्ति काली के ही भिन्न भिन्न अवतारी अंश हैं.
समस्त योगिनियां, अपने अंदर कई प्रकार की अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कलाओं में योग साधना के जरिए निपुण हैं.
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