मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान में मतदाताओं ने रविवार को प्रस्तावित संवैधानिक संशोधनों पर मतदान किया. इस दौरान लोगों में काफी उत्साह भी देखने को मिला. इस जनमत संग्रह को तीन दशकों तक पूर्व सोवियत गणराज्य का नेतृत्व करने वाले पूर्व नूरसुल्तान नजरबायेव की विरासत को ठुकराने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.


जनमत संग्रह का आह्वान राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायेव ने किया. जनवरी में हिंसक प्रदर्शनों के बाद कजाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी ने कसीम-जोमार्ट टोकायेव को राष्ट्रपति नियुक्त किया था. इस हिंसा में 230 से अधिक लोग मारे गए थे. वहीं काफी लोग इस हिंसा के दौरान घायल भी हो गए थे. विरोध-प्रदर्शन ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि को लेकर शुरू किया गया था.


राजनीतिक सुधारों का संकल्प


टोकायेव ने मार्च में राष्ट्रपति पद की शक्ति को कम करने और संसद को मजबूत करने सहित राजनीतिक सुधारों का संकल्प किया था. उन्होंने अर्थव्यवस्था में सरकार की भागीदारी को कम करने और अमीर तथा गरीब के बीच की खाई को पाटने की कोशिश करने का भी आह्वान किया. साथ ही कई सुधार हेतु कदम भी उठाए गए थे. जनमत संग्रह में मृत्युदंड पर रोक और कुछ अधिकारियों को राजनीतिक दलों में शामिल होने से प्रतिबंधित करने आदि जैसे सवाल शामिल हैं.


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