रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग कब खत्म होगी इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. हालांकि एक तरफ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) परमाणु हमले को लेकर तैयारी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस जंग के बीच दोनों देशों में बातचीत की भी पहल हो रही है. बेलारूस में रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच अहम और ऐतिहासिक वार्ता खत्म हो गई. कई घंटों तक चली बैठक में इस मसले का समाधान नहीं निकला है. दोनों देश कोई निश्चित फैसले तक नहीं पहुंच पाए हैं. वार्ता के दौरान यूक्रेन ने मांग रखी है कि रूस क्रीमिया और डोनबास समेत पूरे देश से अपने सैनिकों (Russian Military) को वापस बुलाए. पहले दौर की वार्ता खत्म होने के बाद जल्द ही दूसरे दौर की वार्ता किए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है ताकि शांति बहाली की दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम बढ़ाए जा सके.


परमाणु युद्ध या फिर बातचीत से यूक्रेन संकट का हल?


रूस और यूक्रेन में जंग को रोकने के लिए दूसरे दौर की वार्ता से पहले दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल विचार विमर्श के लिए मॉस्को और कीव लौटेंगे. इससे पहले भी यूक्रेन (Ukraine) ने तुरंत सीजफायर लागू करने और रूसी सैनिकों (Russian Soldiers) को यूक्रेन से वापस जाने की मांग की थी. वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन मुद्दे के समाधान के लिए विशेष सत्र जारी है. ज्यादातर देशों ने रूस से कार्रवाई बंद कर बातचीत के जरिए मसले का हल निकालने की अपनी बात दोहराई है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ( Antonio Guterres) ने भी कहा है कि अब बहुत हो गया. रूस के सैनिकों को यूक्रेन से अब जाना चाहिए. बातचीत से मुद्दे का हल निकाला जाना चाहिए क्योंकि शांति से ही समस्या का समाधान निकलेगा. 


जंग के बीच पुतिन क्या उठा सकते हैं कदम?


रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है जिसमें काफी संख्या में निर्दोष लोग भी मारे जा रहे हैं. वो परमाणु युद्ध की तैयारी के लिए अपनी सेना को अलर्ट कर चुके हैं तो वहीं दोनों देशों के बीच बातचीत भी जारी है. व्लादिमीर पुतिन आगे क्या कर सकते हैं इस बारे में तो कुछ भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है लेकिन उनका अगला कदम क्या होगा इस पर संभावना जताई जा सकती है. पहली बात कि हमले को रोकने के लिए पुतिन यूक्रेन पर शर्त रख सकते हैं. वार्ता की मेज पर यूक्रेन से बातें मनवा कर हमले बंद किए जा सकते हैं. दूसरी संभावना ये भी बन रही है कि देश पर कब्जा जमाकर वहां की सरकार का नियंत्रण रूस अपने हाथ में ले ले या फिर कीव पर कब्जा कर कठपुतली सरकार बनाने की कोशिश हो. तीसरी संभावना ये है कि जंग का दायर बढ़ाया जा सकता है. यूक्रेन के साथ-साथ उनकी मदद करने वाले देशों पर भी रूस की ओर से हमले किए जा सकते हैं. इस संभावना से दुनिया में तीसरे विश्वयुद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.


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