Ukraine Russia War: यूक्रेन रूस जंग के बीच एक तरफ जहां लाखों नागरिक पलायन कर रहे हैं वहीं एक ऐसा शख्स भी है जिनकी बहादुरी की खूब तारीफ हो रही है. दरअसल भारतीय दूतावास के एक ड्राइवर ने बमबारी के बीच गोली लगने से घायल हुए भारतीय छात्र हरजोत सिंह को कीव से सुरक्षित निकाला. हालांकि इंडियन एम्बेसी ने अपने इस ड्राइवर के नाम का खुलासा नहीं किया है. उन्होंने बस उनकी बहादुरी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस ड्राइवर ने घायल हरजोत सिंह की सुरक्षित वतन वापसी के लिए गोलीबारी, ईंधन की कमी, रोड ब्लॉक और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं के बीच कीव से 700 किलोमीटर दूर पोलैंड से सटे बोडोमिर्ज सीमा तक पहुंचाया. 


बता दें की हरजोत यूक्रेन में पढ़ाई कर रहा एक भारतीय छात्र है. जिसे कुछ दिनों पहले कीव में हो रहे रूसी हमले के दौरान गोली लग गई थी और सही समय पर बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इलाज के बाद भारतीय दूतावास ने हरजोत तो स्वदेश भेजने की व्यवस्था की थी. हालांकि सबसे बड़ी चुनौती थी हो रही बमबारी के बीच 700 किलोमीटर के इस रास्ते को पार करना. बता दें कि यूक्रेन में चल रहे जंग के कारण पूरे देश में ईंधन की भी कमी हो गई है. इन चुनौतियों को देखते हुए भारतीय दूतावास ने अपने ही एक ड्राइवर को कार से हरजोत को पोलैंड की सीमा तक छोड़ने का निर्देश दिया. 


भारतीय दूतावास ने ट्वीट में क्या कहा


वहीं इंडियन एंबेसी ने अपने एक ट्वीट में हरजोत को हर खतरे से बचाते हुए सही सलामत पहुंचाने के लिए अपने ड्राइवर की प्रशंसा की है. एंबेसी ने लिखा कि हम अपने ड्राइवर की तारीफ करते हैं. उन्होंने कहा कि गोलाबारी और ईंधन का कमी के बीच एंबेसी के ड्राइवर ने बहादुरी दिखाते हुए कीव से बोडोमिर्ज सीमा तक हरजोत को सफलतापूर्वक पहुंचाया. 


एंबेसी ने ये भी कहा कि कीव से बोडोमिर्ज की दूरी लगभग 700 किलोमीटर की है. दूतावास ने यह भी बताया कि हरजोत को पोलैंड से भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर के जरिए भारत भेजा गया है. घायल छात्र अब दिल्ली पहुंच चुके हैं. 


ये भी पढ़ें:


जंग के बीच प्रेम: यूक्रेन से जान बचाकर रोमानिया पहुंचे विग्नेश को हुआ प्यार, जानें उनकी कहानी


Ukraine Russia War: यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा- हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन दुश्मन को जीवन और जमीन से बाहर निकालने के लिए लड़ना होगा