Salwan Momika Social Media Post: स्वीडन में बड़ी मस्जिद के सामने कुरान जलाकर सुर्खियों में आए सलवान मोमिका की मौत की खबर गलत साबित हुई है. 10 दिन पहले दावे किए गए थे कि वह नॉर्वे में मृत पाया गया है लेकिन अब उसने खुद ही सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि वह जिंदा है. सलवान मोमिका ने बताया कि वह फिलहाल स्वीडन में है. 


सलवान मोमिका ने एक्स पोस्ट के जरिए बताया, "मेरे दोस्तों, मैं ठीक नहीं हूं. मैं स्वतंत्रता और सच बोलने की कीमत चुका रहा हूं. पूरी दुनिया मेरे ख़िलाफ़ है और नॉर्वे ने तो आजादी के सीने पर गोली चला दी है." एक दूसरे पोस्ट में उसने कहा कि उसकी मौत की खबर इसलिए प्रकाशित की गई ताकि हर उस व्यक्ति को डराया जा सके जो इस्लाम की आलोचना करता है. उसने कहा, 'आपकी झूठी अफवाहें और झूठी मीडिया मुझे नहीं डरा पाएगी. मैं जिंदा हूं और नॉर्वे के अधिकारियों की ओर से किए गए अत्याचार के बावजूद झुकूंगा नहीं."


अप्रैल की शुरुआत में आई थी सलवान मोमिका की मौत की खबर


सलवान मोमिका बीते साल तब वैश्विक सुर्खियों में छा गया था जब उसने स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम की बड़ी मस्जिद के सामने पवित्र कुरान जलाई थी. वह मूल रूप से इराक का रहने वाला है और शरणार्थी के तौर पर स्वीडन पहुंचा था. इसी अप्रैल की शुरुआत में मोमिका की मौत की खबर आई थी, जिसमें दावा किया गया कि उसे नार्वे में मृत पाया गया है.


नार्वे ने शरण देने से किया था इनकार, हो गया था गिरफ्तार


सलवान मोमिका ने नॉर्वे में शरण लेने की कोशिश की थी लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. उसने बताया- नॉर्वे पहुंचते ही मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत ले जाया गया. नॉर्वे पुलिस ने उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने का आरोप लगाया. पुलिस ने मुझे मानवाधिकार संगठनों की निगरानी से बाहर मीडिया और प्रेस से दूर एक गुप्त जगह कैद करके रखा था. मेरे शरण देने की अपील को अस्वीकार करने के बाद नॉर्वे ने मुझे स्वीडन लौटा दिया और अब मैं बिना किसी अधिकार के स्वीडन में हूं. जैसे कि मैं किसी इस्लामी देश में रहता हूं. मुझे आशा है कि कोई देश मुझे स्वीकार करेगा और मुझे शरण देगा.


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