Russia-Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच 161 दिनों से जंग जारी है. रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच जारी जंग का असर केवल इन दोनों देशों पर नहीं पड़ रहा है, ब्लकि पूरी दुनिया पर इस युद्ध का प्रभाव दिखाई देने लगा है. अमेरिका (America) और उसके सहयोगी देशों के सीधे तौर पर इस युद्ध में शामिल न होने से तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) का खतरा भले ही टल गया हो. इसके बावजूद इस युद्ध ने जो तबाही मचाई है वो सिर्फ यूक्रेन की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही. यूक्रेन पर रूसी हमले के दुष्प्रभाव अब पूरी दुनिया पर दिखने लगे हैं. 


यू्क्रेन पर रूस का हमला लगातार जारी है. इस जंग ने दोनों देशों की सेना और संपत्ति के साथ-साथ आर्थिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचाया है. इतना ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों पर भी इसका प्रभाव पड़ने लगा है. रूस-यूक्रेन की लड़ाई के कारण दुनिया पर वैश्विक मंदी (Global Recession) का खतरा मंडराने लगा है. यूरोपीय देशों (European Countries) की अर्थव्यवस्था (Economy) बुरी तरह लड़खड़ा गयी है. अमेरिका में रिकॉर्ड तोड़ महंगाई ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल से लेकर अनाज तक के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली चिप का संकट अभी भी जारी है.  


रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने पर पड़ेगा ये असर


जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस युद्ध का और बुरा असर देखने को मिलेगा. युद्ध के कारण दुनिया में भुखमरी बढ़ेगी और लोगों की नौकरियां जाएंगी. इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा जिसका  जिसका युद्ध से कोई लेना देना नहीं. साफ है कि एक युद्ध ने पूरी दुनिया में विकास की रफ्तार रोक दी है और युद्ध पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ है. 


ऐसे में अगर दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच किसी भी तरह का टकराव शुरू होता है तो उसका अंजाम विनाशकारी ही होंगे. एक तरफ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका और दूसरी तरफ चीन जो अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. अगर अमेरिका और चीन के बीच टकराव होता है तो  ये दुनिया की दो सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों की जंग होगी. इस जंग में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था तहस नहस हो जाएगी. 


ताइवान को युद्ध होने पर क्या होगा?


जिस ताइवान (Taiwan) को लेकर चीन (China) और अमेरिका में टकराव बढ़ रहा है वो अगर युद्ध में फंसा तो दुनिया की अर्थव्यवस्था पर उसका भी अच्छा खासा असर होगा. क्योंकि मोबाइल समेत तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में लगने वाले चिप के उत्पादन में ताइवान काफी आगे है. ताइवानी कंपनी TSMC दुनिया की सबसे बडी चिपमेकर कंपनी है.


ताइवान की इस चिप को उसकी सिलिकॉन शील्ड माना जाता है, मतलब सेमिकन्डक्टर और चिप के कारोबार में ताइवान का दबदबे के कारण ही चीन भी अब तक सीधे तौर पर ताइवान पर हमला करने से बचता रहा है.


भारत पर युद्ध का पड़ेगा प्रभाव


जंग कहीं भी हो उसका खामियाजा आम आदमी ही भुगतता है. बीते 6 महीनों में भारत (India) में पेट्रोल-डीजल और गैस से लेकर खाने पीने की चीजों तक के दाम बढ़े तो लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया. ये हाल तब हुआ जब लड़ाई भारत से साढ़े पांच हजार किलोमीटर दूर रही थी. अब अगर चीन अमेरिका के साथ सीधी जंग में उतरा इसका मतलब ये होगा कि ये लड़ाई भारत के ठीक पड़ोस में होगी.


भारत और चीन के 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है. जिसके कई हिस्सों पर भारत और चीन के बीच विवाद है. पिछले कुछ सालों में सीमा विवाद के कारण भारत-चीन के रिश्तों (India China Relation) में तल्खी आयी है. वहीं अमेरिका लगातार भारत का समर्थन करता रहा, ऐसे में चीन अमेरिका के बीच जंग हुई तो उसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा.


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