नई दिल्लीः माली में विद्रोही सैनिकों ने मंगलवार को राष्ट्रपति के निजी आवास को घेर लिया और हवा में गोलियां चलाईं. बताया जा रहा है कि विद्रोह करने वाले सैनिकों ने राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधानमंत्री बाउबो सिसे को गिरफ्तार कर लिया है. इस विद्रोह की शुरुआत मंगलवार सुबह, राजधानी बामाको से लगभग 15 किमी दूर एक प्रमुख सैन्य अड्डे के भीतर गोलिबारी के साथ हुई.


राष्ट्रपति से की इस्तीफे की मांग 


बताया जा रहा है कि बमाको के केंद्र में युवकों ने एक सरकारी स्वामित्व वाली इमारत को लूट लिया और आग लगा दी. क्षेत्रीय समूह इकोवास और पूर्व औपनिवेशिक फ्रांस ने इस विद्रोह की निंदा की है. इसके साथ ही विद्रोही सैनिक राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी कि माली में विद्रोही सैनिकों ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को बंधक बना लिया है.


राष्ट्रपति इब्राहिम बोबाकार कीता का दूसरा कार्यकाल


माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बोबाकार कीता ने 2018 में चुनावों में जीत दर्ज कर अपना दूसरा कार्यकाल आरम्भ किया था. वहीं लगातार बढ़ता भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन और जिहादी और बढ़ती हिंसा के साथ सांप्रदायिक हिंसा के साथ बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर लोगों का व्यापक गुस्सा देखने को मिल रहा है.


इकोवास ने की विद्रोही सैनिकों सेबैरकों में लौटने की अपील


यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कितने सैनिकों ने विद्रोह में भाग लिया है. कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि सैनिकों का विद्रोह वेतन विवाद से प्रभावित था. वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स (इकोवास) के आर्थिक समुदाय ने विद्रोही सैनिकों को बैरकों में लौटने का आग्रह किया. बयान में कहा गया है, "यह बगावत ऐसे समय में हुई है, जब कई महीनों से इकोवास पहल कर रहा है और सभी मालियन पार्टियों के साथ मध्यस्थता के प्रयास कर रहा है."


फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां यवेस ले ड्रियन ने कहा कि फ्रांस ने इस गंभीर घटना की कड़ी शब्दों में निंदा की है और उन्होंने सैनिकों से भी बैरकों में लौटने का आग्रह किया.


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