पाकिस्तान की सियासत में कुछ समय से भुचाल आया हुआ है. प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बचेगी या नहीं, इसे लेकर संकट के बादल मंडराते जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इमरान खान की सरकार संसद में बहुमत खोने के कगार पर है, क्योंकि तीन प्रमुख सहयोगी उनके मंत्रिमंडल को छोड़ने वाले हैं. इस बात की पुष्टि सरकार का समर्थन करने वाली पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कही है. 


वोटिंग पर सहयोगी दल का रुख


चौधरी परवेज इलाही, जिनकी पाकिस्तान मुस्लिम लीग कायद पार्टी है, जो नेशनल असेंबली के निचले सदन में पांच सदस्यों के साथ इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के चार प्रमुख गठबंधन सहयोगियों में से एक है, ने इस महीने के अंत में अविश्वास प्रस्ताव के लिए होने वाली वोटिंग में विपक्षी समूह को अपना समर्थन देने की हामी भर दी है. इसका खुलासा चौधरी परवेज इलाही ने एक पाकिस्तानी चैनल को इंटरव्यू देने के दौरान किया.  


100% मुसीबत में हैं- चौधरी परवेज इलाही


चौधरी परवेज इलाही ने कहा, "अब यह इमरान खान पर है कि वे व्यक्तिगत रूप से अपने सहयोगी दलों से संपर्क करें और उन्हें गठबंधन सरकार में बने रहने के लिए मनाएं, नहीं तो वे 100% मुसीबत में हैं" विपक्षी दलों ने नेशनल असेंबली के स्पीकर से इमरान खान पर अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के गलत प्रबंध का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को कहा है. वहीं, कुछ सरकारी मंत्रियों का कहना है कि सदन के सदस्य प्रस्ताव पर 28-30 मार्च के बीच वोटिंग कर सकते हैं.


'सहयोगी पार्टियों ने संयुक्त निर्णय लेने का फैसला किया है'


चौधरी परवेज इलाही ने कहा कि सहयोगी पार्टियां पांच सीटों वाली बलूचिस्तान अवामी पार्टी और सात सदस्यों के साथ मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट ने विपक्ष को समर्थन करने या सरकार में बने रहने पर एक संयुक्त निर्णय लेने का फैसला किया है. ऐसे में सरकार की सहयोगी पार्टियों के 17 सदस्यों की संयुक्त संख्या नेशनल असेंबली में इमरान खान के बहुमत को समाप्त करने के लिए पर्याप्त है.  


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